मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Gauhar Jan, sexual exploitation
Written By
Last Modified: सोमवार, 17 अक्टूबर 2016 (20:01 IST)

'गौहर जान का भी हुआ था यौन शोषण'

'गौहर जान का भी हुआ था यौन शोषण' - Gauhar Jan, sexual exploitation
शिवानी कोहोक
 
ये कम ही लोगों को मालूम होगा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के शिखर पर पहुंची गौहर जान का 13 साल की उम्र में बलात्कार हुआ था। इस सदमे से उबरते हुए गौहर संगीत की दुनिया में अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुईं। उन्होंने 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं। उन्होंने करीब छह सौ गीत रिकॉर्ड किए थे। यही नहीं, गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए।
और यही वजह है कि आज भी अनके रिकॉर्ड यू-ट्यूब पर सुने जा सकते हैं। लेकिन गौहर की कहानी 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है। गौहर की कहानी को विक्रम संपथ ने सालों की रिसर्च के बाद किताब में 'माई नेम इज़ गौहर जान' के ज़रिए सबके सामने रखा। अब 'गौहर' नाम का एक नाटक जिसका निर्देशन लिलिट दुबे ने किया है, हाल ही में लंदन पहुंचा।
 
गौहर के किरदार को श्याम बेनेगल की सरदारी बेगम में काम कर चुकी राजेश्वरी सचदेव ने निभाया।
राजेश्वरी सचदेव का कहना है, "वो बहुत ही मज़बूत औरत थीं। अपनी शर्तों पर, ऐसी ज़िंदगी, इस अंदाज़ पर जीना।।।।मुझे लगता है उन्होंने हर इमोशन को खुल कर जिया। इसलिए शायद उनको तकलीफ़ भी ज़्यादा हुई।"
 
वो आगे कहती हैं, "सौ साल पहले, वो पहली कलाकार थीं जिन्होंने ग्रामोफोन कंपनी के लिए गाने गाए। जबकि उस समय दिग्गज कलाकारों ने मना कर दिया था। वो चांस नहीं लेना चाहते थे। क्योंकि भारतीय संगीत को तीन मिनट में गाना मुश्किल है। ऐसे में ये हिम्मत करना कि तीन मिनट में हम गा देंगे इस ठुमरी को या किसी ख्याल को ये गौहर ने कर दिखाया।"
 
आर्मीनियाई पिता और पेशेवर गायिका मां की औलाद गौहर की जीवनी उस समय के समाज के माहौल और तवायफों के शोषण की दुख भरी दास्तान है। लिलेट का कहना है कि गौहर की कहानी सबको सुनाना बहुत ज़रूरी है। वो आजकल कि लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती हैं।
लिलिट कहती हैं, ''तवायफ़ वेश्या नहीं होती थी। उस ज़माने में सबसे टेलेंन्टेड और बुद्धिमान लड़कियां तवायफ़ बनती थी। गौहर जान उत्तम शिक्षा प्राप्त सुसंस्कृत महिला थीं।"
 
लिलिट बताती हैं, "गौहर जान को अपने महफिल सजाने के लिए नवाब जब बुलावा भेजते तो पूरी की पूरी ट्रेन ही भेज दिया करते क्योंकि वो बड़े तामझाम के साथ सफ़र करती थी।" "अपनी प्रतिभा के और गायन के चलते गौहर ने गायन तथा रिकॉर्डिंग उद्योग के शुरुआती दिनों में करोड़पति बनी। उनका रहन सहन भी उस ज़माने के प्रसिद्ध करोड़पति या अंग्रेज़ अफसरों से मिलता जुलता था। उनका पहनावा और ज़ेवरात उस दौर कि रानियों को मात देते थे।"
 
लिलिट कहती हैं, "वो अपनी हर रिकॉर्डिंग के लिए नए कपड़े और ज़ेवर पहन कर आती थीं।"लेकिन उस ज़माने में तवायफ कहलाने वाली इन गायिकाओं पर पैसे तो भरपूर लुटाया जाता था लेकिन कोई इनसे शादी नहीं करना चाहता था। और इन्हें मर्द गायकों जैसा सम्मान भी नहीं मिलता था।
 
शायद यही वजह थी कि ग़ौहर ने बार-बार प्यार में धोखा खाया। ख़ासतौर पर तब जब उनकी गायकी और यौवन ढलान पर आ गए। प्रौढ़ावस्था में गौहर अपनी उम्र से आधे एक पठान के प्रेम में पड़ी किंतु वैवाहिक सुख उन्हें नसीब न था। पति के साथ रिश्ते बिगड़े और दोनों अलग हो गए थे। लेकिन उनके पति ने ज़ायदाद शुरुआती दिनों में ही अपने नाम करा ली थी।
 
बड़ी उम्र की गौहर का किरदार विलायत अली ख़ान की बेटी ज़िला खान ने निभाया है। उनके मुताबिक़ गौहर को आख़िरी दिनों में जो अकेलेपन और गुमनाम हो जाने का डर सताता था वो डर आज भी हर कलाकार को होता है।
 
वे बताती हैं, "आर्टिस्ट हूं, गाना गाती हूं, हम दर्द नहीं समझेंगे तो कौन समझेगा। गौहर जान भी हमारे जैसी थी। सही बात तो ये है कि हर कलाकार का शायद यही हाल होता है। मैं उल्ताद विलायत खान कि बेटी हूं और उनके संघर्ष को मैंने देखा है, बरता है। डर लगता है कि कहीं आगे चलकर ऐसा वक्त न देखना पड़े, जब अस्पताल के बिल कोई और भर रहा हो।"
 
आख़िरी दिनों में रिश्तेदारों नें उन्हे कोर्ट कचहरी के चक्कर भी कटवाए और गौहर की वह शानदार विरासत और ज़ायदाद मुकदमेबाज़ी के दौरान वकीलों की भेंट चढ़ गई। अपने अख़िरी दिनों में ग़ौहर बिल्कुल तन्हा रह गई थीं।
 
और इस महान गायिका की लगभग अचर्चित हालत में दक्षिण भारत में मौत हुई। लिलिट बताती हैं, "गौहर का व्यक्तित्व भव्य और आकर्षक था और उन्होनें अपना जीवन पूरी शान-औ-शौकत से अपनी शर्तों पर जिया।" गौहर जान ने पुरुष प्रधान समाज में महिला होते हुए भी जो शोहरत और दौलत हासिल की, वह तब से आज लेकर अब तक एक मिसाल है।
ये भी पढ़ें
मराठा आंदोलन का 'लीडर' है सोशल मीडिया