बेहतर हस्ताक्षर से पाएं करियर में उन्नति
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हेमंत धरफले अक्षर व साइन सही कर व्यक्तित्व को आकर्षक बनाया जा सकता है। ग्राफोलॉजी व ग्राफोथैरेपी के जरिए आप अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी कम कर सकते हैं व करियर में भी तरक्की पा सकते हैं।ग्राफोलॉजी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। 'ग्राफो' ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है लिखावट या राइटिंग और 'लॉजी' शब्द का अर्थ है विज्ञान की शाखा। 'सिगनेचर' का अर्थ है साइन ऑफ नेचर। अक्षर व हस्ताक्षर बदलकर व सुधारकर आप कई प्रकार से लाभान्वित हो सकते हैं। यह ग्राफोथैरेपी कहलाता है। आजकल कई बड़ी कंपनियां अपने यहां ग्राफोलॉजिस्ट रखती हैं। ग्राफोलॉजिस्ट कर्मचारियों की लिखावट विश्लेषित करके मैनेजमेंट को सुझाव देते हैं। ये सुझाव संस्था के लाभ को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यदि आप किसी संस्था में कार्य करते हैं या आपका स्वयं का व्यापार है तो आप साइन को अधिक दर्शनीय व सुघड़ बनाकर अपने क्षेत्र में तरक्की पा सकते हैं। कैसे हो आदर्श साइन :
* साइन अधिक से अधिक लंबे व सुस्पष्ट हो। * आप हिन्दी में साइन करें या अंग्रेजी में, साइन का पहला अक्षर सबसे बड़ा, अलग व कलात्मक हो। * साइन को लगभग 45 डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर की ओर जाते हुए होना चाहिए। * जितनी लंबी साइन उतनी ही बराबर लंबी व समांतर लाइन साइन के नीचे अवश्य खींचें। * साइन का कोई भी अक्षर नीचे वाली लाइन से न काटें। * साइन करने के बाद या अंत में अनावश्यक बिन्दी न लगाएं। * साइन के पहले अक्षर को गोल न करें। * कभी भी जल्दबाजी में साइन न करें। * रोज कम से कम एक पेज जरूर लिखें व अक्षरों को अधिक से अधिक स्पष्ट व सुन्दर बनाएं। ग्राफोलॉजी इनमें भी है उपयोगी :- * बॉस व मातहतों के संबंध सुधारने में।* पति-पत्नी के संबंध बेहतर करने में।* विद्यार्थियों को परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में। * दोस्ती में प्रगाढ़ता बढ़ाने में। * किसी भी कंपनी में रिक्रूटमेंट में। * सही करियर ऑप्शन जानने में।