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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 10 मई 2025 (16:07 IST)

पिशाच योग, खप्पर योग, षडाष्टक योग और गुरु के अतिचारी होने से होगा महायुद्ध?

pishach yog 2025
India Pak War 2025: वर्ष 2025 में ग्रहों की बहुत खतरनाक स्थिति बनी हुई है। ऐसी स्थिति महाभारत काल में, प्रथम और दूसरे युद्ध में भी बनी थी। कहते हैं कि जब भी ग्रहों की ऐसी स्थिति बनती है तो धरती पर प्राकृतिक आपदा और अग्निकांड के साथ ही भयानक युद्ध होते हैं और बड़ी मात्रा में जान माल का नुकसान होता है। वर्तमान में ग्रहों की इन स्थिति में यही हो रहा है। यदि भारत ने 7 जून के पहले पाकिस्तान का पूरी तरह से इलाज नहीं किया तो भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आज जो देश भारत का साथ दे रहे हैं कल वे न्यूट्रल होकर भारत को सीख देना प्रारंभ कर देंगे और तब पाकिस्तान का पलड़ा भारी रहेगा और उसके हालात यूक्रेन जैसे होंगे। यानी रशिया की तरह भारत को लंबा युद्ध लड़ना पड़ सकता है।
 
पिशाच योग का प्रभाव:
29 मार्च 2025 शनिवार के दिन शनि ग्रह ने बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश किया था, जहां पर राहु पहले से ही विराजमान है। शनि और राहु की युति से पिशाच योग का निर्माण होते ही देश और दुनिया में प्राकृतिक आपदा और भूकंप के साथ ही भारततीय कश्मीर के पहलगाम पर पर्यटकों पर आतंकवादी हमले ने भारत पाकिस्तान की सेना को भड़का दिा है। यह योग 18 मई तक बना रहेगा।
 
बृहस्पति का अतिचारी योग:
14 मई को बृहस्पति के मिथुन राशि में जाने के बाद यह योग बनेगा जो कि 8 वर्षों तक रहेगा। गुरु का अतिचारी गोचर देश और दुनिया के हालात को बिगाड़ देगा। बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं। गुरु हमारे ग्रह को सभी तरह की आपदा और सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। जब गुरु अतिचारी होंगे तो बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के मौसम और तापमान में बदलाव हो जाएगा। मौसम के बदलाव के चलते देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में और शासन व्यवस्था में भी भारी बदलाव देखने को मिलेंगे।
 
महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले गुरु 7 राशियों में 7 वर्ष तक अतिचारी रहे थे। जिसके चलते महायुद्ध हुआ था। करीब 1000 वर्ष पहले भी गुरु अतिचारी हुए थे तब भी बड़े बदलाव हुए थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी। पिछले कुछ वर्ष पहले यानी 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। इन वर्षों में जो हुआ वह सभी ने देखा है।
 
क्या होगा खप्पर योग का प्रभाव:
पिशाच योग ने जहां भारत और पाकिस्तान में युद्ध की शुरुआत कर दी है वहीं अब खप्पर योग के चलते पाकिस्तान में तबाही की शुरुआत होगी। ऐसी तबाही जिसे दुनिया देखेगी। इसका उल्लेख भारतीय पंचांग में वर्ष 2025 के शुरु होने से पहले ही कर दिया था। पंचांग में स्पष्ट लिखा है कि कश्मीर, बलूचिस्तान और सिंध जैसे क्षेत्र में युद्ध, आतंक और गृहयुद्ध जैसे हालात होंगे।
 
यदि किसी चंद्र मास में 5 शनिवार, 5 रविवार या 5 मंगलवार आ जाए तो खप्पर योग बनता है। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा है। इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना रहेगा। इसको लेकर कुछ ज्योतिषियों का विश्लेषण है कि 14 मई से लेकर 14 जून के बीच का समय भारत के लिए खराब है। हालांकि कुछ अन्य ज्योतिषियों के अनुसार जून से लेकर अक्टूबर का समय विचित्र हो सकता है, जिसमें होने वाली घटनाओं से दुनिया को हैरानी हो सकती है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, युद्ध और दंगों के कारण देश को बड़ी आर्थिक और जनहानि का सामना करना पड़ सकता है।
 
क्या होगा षडाष्टक योग का प्रभाव:
18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग रहेगा। 7 जून को मंगल ग्रह कर्क से निकलकर सिंह में गोचर करेगा तब शनि के साथ उसका षडाष्टक योग बनेगा। हालांकि वर्तमान में तो 18 से 7 जून का समय, यानी करीब 20 दिनों तक ज्यादा अशुभ समय रहेगा। इस दौरान मौसम में अचानक से बदलाव होगा। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाएगी, भूकंप और अग्निकांड के साथ ही घटना-दुर्घटनाएं भी बढ़ेगी। इसके चलते दो देशों के बीच तनाव चरम पर रहेगा।
 
मंगल ग्रह साहस, पराक्रम, ऊर्जा, शक्ति, सामर्थ्य, संकल्प, युद्ध और क्रोध आदि का कारक ग्रह है। सभी जानते हैं कि कर्क राशि में मंगल नीच का प्रभाव देता है जो कि दे रहा है। यह वर्ष भी मंगल का है और हिंदू नववर्ष सूर्य का है। भारत की कुंडली में मंगल तीसरे भाव में नीच अवस्था में है। तीसरा भाव भाई बहन और पड़ोसी का भाव भी है। नीच अवस्था में होने के कारण कुछ पड़ोसी राष्ट्रों के कारण भारत परेशान रहेगा। इस दौरान कुछ पड़ोसी राष्ट्र समस्या पैदा तो करेंगे लेकिन भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा क्योंकि भारत की कुंडली में और पीएम मोदी जी कुंडली में मंगल पराक्रम अवस्था में है। ऐसे में भारत हर तरह के उपद्रव को शांत करने में कामयाब होगा।
 
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