Ekadashi Remedies 2025: मार्गशीर्ष मास की उत्पन्ना एकादशी को सभी एकादशियों की जननी माना जाता है। अत: अगहन एकादशी पर इस दिन किए गए उपाय अत्यंत चमत्कारी फल देते हैं। इसे विशेष रूप से विष्णु भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति के रूप में रखा जाता है। इस दिन विशेष पूजा, व्रत और उपायों से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और समस्त मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। यहां उत्पन्ना एकादशी के कुछ चमत्कारी और अचूक उपाय दिए गए हैं:
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उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। पढ़ें धन, सुख और समृद्धि के लिए चमत्कारी उपाय...
1. आर्थिक तंगी से मुक्ति देगा, तुलसी मंजरी का विशेष उपाय:
उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी के पौधे का विशेष पूजन किया जाता है।
एकादशी के दिन तुलसी की मंजरी (तुलसी का बीज वाला हिस्सा) को तोड़कर रखें।
इन मंजरियों को एक पीले कपड़े में बाँधकर एक छोटी पोटली बना लें।
इस पोटली को अपनी तिजोरी, पर्स या धन रखने के स्थान पर रखें।
मान्यता है कि इससे धन का आगमन बना रहता है और आर्थिक रुकावटें दूर होती हैं।
आप तुलसी की मंजरी की पोटली बनाकर मुख्य द्वार पर भी लटका सकते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है।
2. दरिद्रता दूर करने के लिए दीपदान:
उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह और शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक हल्दी या केसर डालकर जलाएं।
दीपक जलाते समय लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
भगवान विष्णु को पूजा में 11 तुलसी के पत्तों का भोग अर्पित करें।
माना जाता है कि यह उपाय दरिद्रता को दूर करता है और घर में धन की वृद्धि करता है।
3. गृह क्लेश और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:
अगर घर में लंबे समय से लड़ाई-झगड़े या क्लेश चल रहा हो, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन घर के पूजा स्थान पर दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें।
4. धन लाभ हेतु केसर और दूध से अभिषेक:
उत्पन्ना एकादशी के शुभ दिन पर भगवान विष्णु का अभिषेक केसर मिले हुए गाय के दूध से करें।
अभिषेक करते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
इससे श्री हरि नारायण अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपकी आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं।
5. कर्ज से मुक्ति और सुख-शांति के लिए:
अगर आप कर्ज तले दबे हैं या पैसे की तंगी से परेशान हैं, तो एकादशी के दिन 1008 बार 'ॐ विष्णवे नमः' मंत्र का जाप करें।
इसके अतिरिक्त, पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और श्रीमद्भगवद्गीता के 12वें अध्याय/ भक्ति योग का पाठ करें। यह उपाय पापों की निवृत्ति करता है और सुख-शांति लाता है।
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