Mangala gauri vrat ke upay: सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत 6 अगस्त 2024 मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी है और वैवाहिक सुख में बढ़ोतरी होकर संतान आदि की प्राप्ति भी होती है। यदि अविवाहित हैं और आपका विवाह नहीं हो पा रहा है तो इस दिन व्रत रखने के साथ ही ज्योतिष के अचूक उपाय करें।
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6 अगस्त 2024 का शुभ मुहूर्त 2024:-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:21 से 05:03.
प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:42 से 05:45.
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:54.
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:41 से 03:34.
अमृत काल: दोपहर 03:06 से 04:51.
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:08 से 07:29.
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:08 से 08:12.
विवाह हेतु मंत्र:-
ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी सकल स्थावर जंगमस्य मुख हृदयं मम वशं आकर्षय आकर्षय नमः॥
ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वर: बान्धवा: शिवभक्ताश्च, स्वदेशो भुवनत्रयम ॥
प्रेम विवाह हेतु मंत्र:-
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
जल्दी विवाह करने के लिए आसान से उपाय:-
1. कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। अत: मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ-साथ हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
2. मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए।
3. मंगलवार के दिन बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
4. एक लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
5. कुंवारी कन्याओं को मंगल दोष में श्रीमद्भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक जप, गौरी पूजन सहित तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
6. इस दिन विवाह योग्य जातक को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
7. कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी बनानी चाहिए।
8. लाल किताब के अनुसार अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए।
9. पूरे श्रावण मास में या व्रत के दिन श्री मंगला गौरी मंत्र- ॐ गौरीशंकराय नमः का अधिक से अधिक जाप करें।
10. लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए। इस उपाय से इस दोष में कमी आती है।