• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. navtapa warning
Written By

आंधी, तूफान, आगजनी, दुर्घटनाएं..नौतपा में मंगल-केतु का संयोग दे रहा है खतरे का संकेत

आंधी, तूफान, आगजनी, दुर्घटनाएं..नौतपा में मंगल-केतु का संयोग दे रहा है खतरे का संकेत - navtapa warning
नौतपा में मंगल और केतु का संयोग भीषण खतरे का संकेत 
 
 
आज 25 मई को शाम 7.53 बजे नौतपा की शुरूआत होगी। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही नौतपा 25 मई से 2 जून तक खूब तपेगा। इस वर्ष मंगल और केतु के संयोग से तपन की भीषणता और अधिक होगी। 
 
गर्मी के अलावा बारिश के भी संयोग 
 
रोहिणी के सूर्य 25 मई से 8 जून तक है। इस वर्ष मंगल और केतु का संयोग रोहिणी में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बनाएगा। इस बीच भीषण गर्मी के अलावा बारिश के भी संयोग बताए जा रहे है अर्थात रोहिणी गलेगी।

1 मई से ही मंगल और केतु का संयोग बन गया है। इन दोनों के साथ होने से प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बनी है। जिससे भीषण गर्मी आंधी, तूफान के साथ हवा, आगजनी, दुर्घटनाएं, राजनैतिक उथल-पुथल की स्थितियां बनी हैं।

सूरज की तपन से त्वचा झुलसाने लगी है। भीषण गर्मी के चलते लोग घरों से निकलने में कतरा रहे हैं। सूरज के तीखे तेवर के साथ छुट-पुट बादल कुछ लम्हे के लिए राहत दे जाते हैं, किन्तु तपती धूप और लू जनजीवन बाधित कर रही है। 
 
नौतपा : वैज्ञानिक तथ्य 
 
वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिस कारण तापमान बढ़ता है। अधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती हैं। चूंकि समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है, इसलिए हवाओं का यह रुख अच्छी बारिश का संकेत देता है। 

नौतपा : ज्योतिष शास्त्र
 
ज्योतिष शास्त्र अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चन्द्रमा और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप तेज का प्रतीक है, जबकि चन्द्र शीतलता का। चन्द्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है, तो इससे उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव से ले लेता है। जिस वजह से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं होती। ताप अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो सूर्य 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करता है, लेकिन शास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रारंभ के नौ दिन ही नौतपा के तहत स्वीकार किए जाते हैं। 

ये भी पढ़ें
10वां रोजा : अल्लाह से रहमत हासिल करने का दिन