माता कमलारानी की पूजा करने से साधक बन जाता है कुबेर के समान धनी
दस महाविद्या : 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)। आओ जानते हैं 10वीं महाविद्या देवी कमला के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. माता कमला रानी कमल पर आसीन कमल पुष्प धारण किए हुए मां सुशोभित होती हैं।
2. श्वेत वर्ण के चार हाथी सूंड में सुवर्ण कलश लेकर सुवर्ण के समान कांति लिए हुए मां को स्नान करा रहे हैं।
3. दरिद्रता, संकट, गृहकलह और अशांति को दूर करती है कमलारानी। इनकी सेवा और भक्ति से व्यक्ति सुख और समृद्धि पूर्ण रहकर शांतिमय जीवन बिताता है।
4. समृद्धि, धन, नारी, पुत्रादि के लिए इनकी साधना की जाती है। इस महाविद्या की साधना नदी तालाब या समुद्र में गिरने वाले जल में आकंठ डूब कर की जाती है। गुप्त नवरात्रि में इनकी पूजा का विधान है।
5. इनकी पूजा करने से व्यक्ति साक्षात कुबेर के समान धनी और विद्यावान होता है। व्यक्ति का यश और व्यापार या प्रभुत्व संसार भर में प्रचारित हो जाता है।
6. कमला माता का मंत्र : कमलगट्टे की माला से रोजाना दस माला 'हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:।' मंत्र का जाप कर सकते हैं। जाप के नियम किसी जानकार से पूछें।