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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (11:09 IST)

मकर संक्रांति का दिनों की लंबाई बढ़ने से क्या है संबंध, जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण

मकर संक्रांति का दिनों की लंबाई बढ़ने से क्या है संबंध, जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण - lengthening of days from makar sankranti
Makar Sankranti : मकर संक्रांति से दिन होने लगते हैं बड़े। जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है कि मकर संक्रांति के बाद से दिन लंबे होने लगते हैं। यह एक खगोलीय घटना है जिसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है।
 
मकर संक्रांति का महत्व क्या है : मकर संक्रांति न केवल एक खगोलीय घटना है बल्कि यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक भी है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान करते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं। मकर संक्रांति को हिन्दू नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। अत: यह नए साल की शुरुआत भी होता है। साथ ही किसान भाई इस दिन अच्छी फसल की कामना करते हैं।ALSO READ: Makar sankranti ke upay: मकर संक्रांति पर कर लें ये 5 अचूक उपाय, पूरे वर्ष नहीं रहेगी धन की कमी
 
मकर संक्रांति से क्यों होते हैं दिन बड़े?
 
1. सूर्य की किरणें: उत्तरायण काल में सूर्य की किरणें पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध पर सीधी पड़ती हैं। जिसके कारण दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं। यदि हम इसे सरल शब्दों में समझें तो यह कहा जाता सकता हैं कि मकर संक्रांति के बाद सूर्य की किरणें धरती पर अधिक समय तक पड़ती हैं। यह एक धीमी प्रक्रिया है और धीरे-धीरे दिन और लंबे होते जाते हैं। बता दें कि यहां दिन लंबे होने का अर्थ यह है कि सूर्योदय जल्दी होता है और सूर्यास्त देर से होता है।
 
2. ऋतुएं बदलने का कारण : पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और इस (पृथ्वी) का अक्ष अपने घूर्णन के अक्ष से 23.5 डिग्री झुका हुआ है। इस झुकाव के कारण ही हमें ऋतुएं बदलती हुई दिखाई देती हैं।
 
3. सूर्य उत्तरायण : मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण काल शुरू हो जाता है। उत्तरायण काल में पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुकता है। और इस तरह मकर संक्रांति मनाएं सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि एक खगोलीय घटना भी है जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है।
 
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