हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास में अलग-अलग देवों की उपासना का प्रचलन इसलिए है क्योंकि उक्त माह में प्रकोत्सव या कुछ विशेष होता है। आओ जानते हैं कि किस माह मैं किस देव की पूजा होती है।
हिन्दू माह ने नाम : 1.चैत्र, 2.बैशाख, 3.ज्येष्ठ, 4.आषाढ़, 5. श्रावण, 6.भाद्रपद, 7.आश्विन, 8. कार्तिक, 9.मार्गशीर्ष, 10. पौष, 11.माघ, 12.फाल्गुन।
1. चैत्र : चैत्र माह में सूर्यदेव, भगवान राम और हनुमानजी की पूजा के साथ ही माता दुर्गा की पूजा की जाती है। इसी माह में नवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
2. बैशाख : वैशाख माह में भगवान परशुराम, मां गंगा, चित्रगुप्त, भगवान नृसिंह, भगवान कूर्म की पूजा की जाती है। वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को श्री सीताजी ने जन्म लिया था।
3. ज्येष्ठ : मां गंगा, भगवान शनिदेव, गायत्री माता और मां धूमावती की पूजा अर्चन की जाती है।
4. आषाढ़ : श्रीहरि विष्णु के साथ ही आषाढ़ में वामन पूजा होती है। इस माह में देव सो जाते हैं। इसी माह में गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूाज की जाती है।
5. श्रावण : श्रावण में भगवान शिव की पूजा का महत्व है। यह शिव का माह है।
6. भाद्रपद : भाद्रपद में गणेशजी और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इसी माह में गणेश उत्सव मनाया जाता है और कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था इसीलिए जन्माष्टमी मनाई जाती है। इसी माह में श्रीराधा की पूजा भी होती है क्योंकि इसी माह में उन्होंने भी जन्म लिया था।
7. आश्विन : यह माह देवी और शक्ति की उपासना का माह होता है। इस माह में शारदीय नवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इसी माह में श्राद्ध पक्ष रहता है तो पितृदेव की पूजा भी होती है। वैसे भाद्रपद की पूर्णिमा से ही श्राद्धपक्ष प्रारंभ हो जाता है।
8. कार्तिक : कार्तिक माह देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित माह है। इस माह में महालक्ष्मी पूजा और भगवान विष्णु के जागने का समय होता है। इसी माह में दीपवाली के दिन मात लक्ष्मी की पूजा होती है। कुछ राज्यों में माता कालिका की पूजा होती है। इस माह में धनवंतरि देव, कुबेर, यमदेव, चित्रगुप्त, श्रीकृष्ण आदि की पूजा भी की जाती है।
9. मार्गशीर्ष : इस माह में गीता जयंती रहती है। श्रीकृष्ण, भगवान दत्तात्रेय, सत्यनारायण भगवान की पूजा, पितृदेव की पूजा, भैरव पूजा आदि की जाती है।
10. पौष : पौष मास में भगवान विष्णु और सूर्य की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है।
11. माघ : माघ माह में सूर्यदेव के साथ ही भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा होती है। इस माह में भगवान माधव की पूजा करने से उपासक को राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस माह में गुप्त नवरात्रि होती है तो माता दुर्गा के 10 महारुपों अर्थात दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
12. फाल्गुन : इस माह में प्रहलाद और नृसिंह भगवान की पूजा के साथ ही शिवजी और कामदेकी की पूजा भी की जाती है। इसी माह में महाशिवरात्री भी रहती है। इसी माह में श्रीराधा और कृष्ण की पूजा भी होती है। इसी माह में माता सीता की पूजा भी होती है क्योंकि एक अन्य मान्यता अनुसार उनका जन्म हुआ था।