शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Guru Pushya Nakshatra
Written By

Guru Pushya Nakshatra : 677 साल बाद बना है खरीदी का महामुहूर्त और महासंयोग, जानिए क्या है खास

Guru Pushya Nakshatra : 677 साल बाद बना है खरीदी का महामुहूर्त और महासंयोग, जानिए क्या है खास - Guru Pushya Nakshatra
Pushya Nakshatra 2021: कार्तिक माह में इस बार नक्षत्र के राजा पुष्य नक्षत्र पर महासंयोग बन रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस बार 677 वर्षों के बाद खरीदी का महासंयोग और महामुहूर्त बन रहा है। आओ जानते हैं कि खरीद के लिए कौसे से हैं संयोग और मुहूर्त और जानते हैं कि इस नक्षत्र में क्या-क्या खरीद सकते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं।
 
 
677 साल बाद बन रहा ऐसा महायोग : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार वर्तनाम में शनि और गुरु के मकर राशि में रहते हुए गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग इससे पहले 5 नंबर 1344 में बना था। अब 677 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जबकि मकर में शनि और गुरु की युति और गुरुवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा।
 
पुष्य नक्षत्र का महत्व : चंद्रमा का राशि के चौथे, आठवें एवं बारहवें भाव में उपस्थित होना अशुभ माना जाता है। परंतु इस पुष्य नक्षत्र के कारण अशुभ घड़ी भी शुभ घड़ी में परिवर्तित हो जाती है। ग्रहों की विपरीत दशा से बावजूद भी यह योग बेहद शक्तिशाली है, परंतु एक श्राप के चलते इस योग में विवाह नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव में आकर सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं। मान्यता अनुसार इस दौरान की गई खरीदारी अक्षय रहेगी। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता है। इस शुभदायी दिन पर महालक्ष्मी की साधना करने, पीपल या शमी के पेड़ की पूजा करने से उसका विशेष व मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
 
 
कब से कब तक रहेगा नक्षत्र काल : इस बार 28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य ( Pushya Nakshatra 2021 ) का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा।
 
बन रहे हैं और कौनसे योग : इस दिन इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग ( sarvartha siddhi yoga ), अमृत सिद्ध योग और रवि योग ( Ravi yaga ) बन रहा है। सर्वार्धसिद्धि और अमृत सिद्ध योग पूरे दिन रहेगा, जबकि रवि योग प्रात: 06:03 से 09:42 तक रहेगा।

महामुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11:42 से दोहपर 12:26 तक रहेगा। 
विजयी मुहूर्त– दोपहर 01:34 से 02:19 तक रहेगा।
अमृत काल मुहूर्त : प्रात: 07:02 से 08:48 तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त– शाम 05:09 से 05:33 तक रहेगा।
सायाह्न संध्या मुहूर्त– शाम 05:20 से 06:36 तक रहेगा।
निशिता मुहूर्त– प्रात: 11:16 से दूसरे दिन दोपहर 12:07 तक रहेगा 
 
इस शुभ संयोग में क्या खरीद चाहिए : 
1. इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं जो चिरस्थायित्व प्रदान करते हैं जिसका कारक लोहा है। साथ ही इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र का प्रभाव होता है तो ऐसे में स्वर्ण, लोह (वाहन आदि) और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है।
 
 
2. मान्यता अनुसार इस दिन खरीदा गया सोना शुभ और स्थायी माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन वाहन, मकान, प्लाट, फ्लैट, दुकान, कपड़े, ज्वेलरी, बर्तन, श्रृंगार की वस्तुएं, स्टेशनरी, मशीनरी आदि खरीदना भी शुभ है।
 
 
3. इस नक्षत्र में शिल्प, चित्रकला, पढ़ाई प्रारंभ करना उत्तम माना जाता है। इसमें मंदिर निर्माण, घर निर्माण आदि काम भी शुभ माने गए हैं।
 
4. गुरु-पुष्य या शनि-पुष्य योग के समय छोटे बालकों के उपनयन संस्कार और उसके बाद सबसे पहली बार विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजा जाता है।
 
5. इस दिन बहीखातों की पूजा करना और लेखा-जोखा कार्य भी शुरू कर सकते हैं। इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करें, जैसे दुकान खोलना, ‍व्यापार करना या अन्य कोई कार्य।
 
6. इस दिन धन का निवेश लंबी अवधि के लिए करने पर भविष्य में उसका अच्छा फल प्राप्त होता है।
 
ये भी पढ़ें
Guru Pushya Special : गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें, क्या नहीं खरीदें, शुभ होगा ये खरीदना