आज बड़ा मंगल है, जानिए 2019 के बड़े मंगलवार की 9 खास बातें
बड़ा मंगलवार अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि माना गया है। इस दिन भगवान हनुमान को अमरत्व का वरदान मिला था आइए जानें और भी 10 बातें...
1. 21 मई को ज्येष्ठ मास की कृष्ण तृतीया से बड़े मंगल की शुरुआत हो रही है।
2. इस दिन चन्द्रमा धनु राशि में रहेगा, जो मंगल की मित्र राशि है। धनु राशि के स्वामी बृहस्पति देव गुरु हैं जो धर्म की रक्षा करते हैं और सबका कल्याण करते है। सिद्ध योग होने के कारण हर कार्य में सफलता मिलेगी। इसलिए ज्येष्ठ के बड़े मंगल की शुरूआत काफी शुभ व सफलतादायक है।
3. दूसरा बड़ा मंगल 28 मई को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पड़ेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु है। अतः दूसरे बड़े मंगल का भी खास प्रभाव रहेगा। तीसरा मंगल 04 जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगशिरा रहेगा। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है, जो सबका मंगल करता है। यह भी एक शुभ संकेत है।
4. इसका एक और इतिहास है। एक बार नवाब सआदत अली खां बहुत बीमार हो गए थे। और काफी इलाज कराने के बाद जब वह ठीक नहीं हो रहे थे। तब उनकी मां छतर कुंवर-जनाबे आलिया ने नवाब के ठीक होने के लिए मन्नत मांगी और हुनमान जी की कृपा से नवाब सआदत अली स्वस्थ हो गए।
5.उनके ठीक होने पर मां ने अलीगंज का पुराना मन्दिर 1798 में जेठ माह के मंगल में स्थापित करवाया।
6.अलीगंज के मन्दिर स्थापना में एक रोचक तथ्य और है कि जब मंदिर की स्थापना हो रही थी तो जाटमल नाम के व्यवसायी ने स्वंय प्रकट हुई हनुमान जी की प्रतिमा के सामने प्रार्थना की थी। यदि मेरा इत्र और केसर बिक जाएगा तो वह मंदिर बनवाऊंगा।
7. नवाब वाजिद अली शाह ने केसरबाग को बसाने के लिए जाटमल से इत्र और केसर खरीद लिया। इस तरह मन्नत पूरी होने पर जाटमल ने 1848 में जेठ के पहले मंगलवार को अलीगंज के नए हनुमान मंदिर की प्रतिमा स्थापित करवाई थी। शायद उसी समय से लखनऊ में जेठ के प्रति मंगलवार बजरंग बली का विशेष पूजन कर लोगों को मीठा शरबत और ठंडा जल पिलाने की परंपरा प्रचलित है।
8.गर्मी के मौसम में सबसे अधिक गर्म महीना जेठ का होता है। आयुर्वेद में भी जेठ के महीने में पैदल चलना वर्जित बताया गया है। पहले संसाधन न होने के कारण लोग पदयात्रा ही करते थे और उस दौर में नलकूप, पानी की टंकी आदि की व्यवस्था नहीं थी। संभवत: इसीलिए यह व्यवस्था की गई हो।
9. जेठ की चिलचिलाती गर्मी में पदयात्रा के दौरान यात्रियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ता था। वैसे तो पूरे सप्ताह गर्मी रहती है किन्तु मंगल अग्नि कारक है, इसलिए मंगलवार को प्रचंड गर्मी पड़ती है। इसी कारणवश मंगलवार के दिन राह चलते लोगों को मीठा जल व मीठे के साथ ठंडा जल पिलाया जाता है। पुराणों में वर्णित है कि अन्न दान और जल दान से बड़ा कोई भी दान नहीं है।