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7 मई 2019 से मंगल-राहु का अंगारक योग, क्या होता है अंगारक योग, कैसा होगा जीवन पर असर

7 मई 2019 से मंगल-राहु का अंगारक योग, क्या होता है अंगारक योग, कैसा होगा जीवन पर असर - angarak yog
कुंडली में मंगल जब राहु या केतु के साथ होता है तो अंगारक योग बनता है। 7 मई 2019 से मंगल और राहु मिथुन राशि में अंगारक योग बना रहे हैं। कुंडली के 12 भावों में इस योग के प्रभाव भी अलग-अलग हो सकते हैं। कुंडली के किसी भी भाव में युति होने पर ॐ अं अंगारकाय नमः का नियमित जाप और हनुमान चालीसा का पाठ फायदेमंद होता है। 
 
मंगल और राहु की इस युति के कारण कहीं आपकी कुंडली में भी तो नहीं बन रहा अंगारक योग? 
 
मंगल और राहु की युति से होने वाला प्रभाव
 
मंगल और राहु की युति से नुकसान होने के साथ ही झगड़ा, दुर्घटना, तनाव और कई तरह की परेशानियां होती हैं। ज्योतिष में मंगल को क्रोध, वाद-विवाद, लड़ाई-झगड़ा, हथियार, दुर्घटना, अग्नि, विद्युत आदि का तो राहु को आकस्मिक घटनाएं, शत्रु, षडयंत्र, नकारात्मक ऊर्जा, तामसी प्रवृत्ति, बुरे विचार, छल-कपट, और बुरी आदतों का कारक ग्रह माना गया है। यही कारण है कि ज्योतिष में मंगल और राहु के योग को अधिक नकारात्मक और दुष्परिणाम देने वाला योग माना गया है। 
 
मंगल और राहु बनाते हैं अंगारक योग
 
मंगल और राहु कुंडली के किसी भी घर में साथ हो, तो अंगारक योग बनता है। यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने वाला है। हालांकि कुंडली के जिस भाव में यह योग बन रहा है, उस भाव को ये पीड़ित कर देते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है।  
 
अंगारक योग के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है। अपने भाइयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ भी संबंध भी खराब हो जाते हैं। धन संबंधित परेशानियां भी बनी रहती है। अगर किसी महिला की कुंडली में यह योग हो तो उसे संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इस योग के शांति के उपाय न करने पर लंबे समय तक परेशानियों से जूझना पड़ सकता है।
 
 
कुंडली के 12 भाव या घर और अंगारक योग 
 
पहला घर: पेट से संबंधित रोग, शारीरिक चोट, अस्थिर मानसिकता और क्रूरता।
उपाय : पानी में बताशे बहाएं। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।
 
दूसरा घर : आर्थिक उतार-चढ़ाव।
उपाय : बांए हाथ ही छोटी अंगुली में चांदी की अंगूठी पहनें।  
 
तीसरा घर : भाइयों से संबंध कड़वे होते हैं, धोखेबाजी से सफलता।
उपाय : घर में हाथी दांत रखें। 
 
चौथा घर : माता को दुख व भूमि संबंधित विवाद।
उपाय : सोना, चांदी और तांबा की अंगूठी पहनें। 
 
पांचवां  घर : संतानहीनता और जुए-सट्टे से लाभ।
उपाय : रात को सिरहाने पानी का बर्तन भरकर रखें और सुबह उठते ही पेड़-पौधों में डालें। 
 
छठा घर : ऋण लेकर उन्नति होती है, व्यक्ति कातिल या सर्जन भी बन सकता है।
उपाय : कन्याओं को दूध और चांदी का दान दें। मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ करें।
 
सातवां घर : वैवाहिक जीवन में परेशानी, नाजायज संबंध, विधवा या विधुर होना। हालांकि साझेदारी से लाभ भी मिलता है।
उपाय : चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें। 
 
आठवां घर : पैतृक संपत्ति मिलती है, सड़क दुर्घटना के प्रबल योग बनते हैं।
उपाय : एक तरफ सिंकी हुई मीठी रोटियां कुत्तों को दें। 
 
नौवां घर : भाग्यहीन, वहमी, रूढ़ीवादी व तंत्रमंत्र में लिप्तता।
उपाय : मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।
 
दसवां घर : व्यक्ति अति कर्मठ, मेहनती, स्पोर्ट्समैन होने के साथ ही अत्यधिक सफल होते हैं।
उपाय : मूंगा धारण करें। 
 
ग्यारहवां घर : प्रॉपर्टी से लाभ तो मिलता है, लेकिन जातक चोर, कपटी और धोखेबाज होते हैं।
उपाय : घर में मिट्टी के बर्तन में सिन्दूर रखें। 
 
बारहवां घर : आयात-निर्यात और रिश्वतख़ोरी से लाभ मिलता है। ऐसा व्यक्ति बलात्कारी तक हो सकता है। 
उपाय : गले में चांदी का हाथी धारण करें। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।
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