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Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'

12-12-12 : कैसा होगा इस शुभ संयोग में जन्मा बच्चा

12-12-12 : आधा शुभ, आधा अशुभ

12.12.12 ChildBirth | 12-12-12 : कैसा होगा इस शुभ संयोग में जन्मा बच्चा
12-12-12 इस शताब्दी की अंतिम यादगार तारीख है। यह तार‍ीख अब सौ वर्षों बाद आएगी। कई लोग इस तारीख को यादगार बनाने के लिए अपने बच्चे को इस दिन जन्म दिलवाना चाहते हैं, तो कई इस तारीख में विवाह संपन्न कराना चाहते हैं।

कईयों ने इस तारीख को अपनी इच्छापूर्ति हेतु बुक करवा रखा है। 12-12-12 को शुभ समय 12 बजकर 12 मिनट 12 सेकंड दोपहर में होगा। इस यादगार समय का ज्योतिषीय विश्लेषण प्रस्तुत है।

इस समय कुंभ लग्न का उदय हो रहा है। इंदौर के अक्षांश व रेखांश पर कुंभ लग्न व मीन नवांश है। मंगल की वृश्चिक राशि व शनि का नक्षत्र अनुराधा है। इस समय जन्म लेने वाले का बच्चे नाम नू से होकर घृति योग व शकुनि करण में होगा। वर्ण ब्राह्मण, गण देव, वर्ग सर्प, राशि पाया तांबा व नक्षत्र पाया चांदी होगा।

12-12-12 को जन्मे बच्चे की कुंडली का विश्लेषण इस प्रकार है : - कुंभ लग्न में जन्म लेने वाला जातक इकहरे शरीर वाला, आकर्षक होता है। कद-काठी अधिकतम उत्तम ही होती है। लग्न व द्वादश भाव का स्वामी उच्च का होकर नवम भाग्य भाव में भी उच्च का है। उच्च का शनि नवम भाग्य भाव में होने से वह भाग्यशाली होगा।

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राशिपति मंगल मित्र राशि का होकर एकादश भाव में गुरु की मित्र राशि धनु में है अत: धन के मामले में मध्यम रहेगा लेकिन शनि की तृतीय दृष्टि कभी-कभी नुकसानदेह भी हो सकती है। धनेश, वाणी, कुटुंब भाव व एकादश भाव का मालिक गुरु वक्री होकर चतुर्थ भाव में होने से बचत कम होगी। आय के मामलों में कमी महसूस करेंगे।

दशम भाव यानी व्यापार, पिता, नौकरी, राजनीति के स्थान में सूर्य सप्तमेश, चन्द्र षष्टेश, बुध पंचमेश व अष्टमेश, चतुर्थ व भाग्येश नवम भाव का स्वामी शुक्र राहु के साथ है।

इस प्रकार सूर्य राहु से पितृ दोष, चंद्र राहु से ग्रहण योग, सूर्य चंद्र का अमावस्या योग भी शुभ फलदायी नहीं रहता। यह स्थिति भावों से संबंधित फल में कमी लाती है। यह प्रारब्ध के फल को देता है।

नवांश में ग्रहों की अनुकूलता बन रही है। मंगल अपने घर वृश्चिक में है, बुध उच्च का है वही शनि भी अपने ही घर कुंभ में है। इस प्रकार नवांश में ग्रहों की स्थिति अनुकूल होने से फल में शुभता आ जाती है व युवावस्था में परिणाम अच्छे ही मिलते हैं।

वर्तमान में लग्न व द्वादश भाव के स्वामी शनि की अंतर्दशा में नीच का चंद्र षष्टेश है, उसकी अंतर्दशा चल रही है। इस समय 16 फरवरी 2014 तक 12-12-12 को जन्मे जातक का ध्यान रखना होगा।

इति शुभम्‌ भवंतु....।।।