चंद्रग्रहण 21 फरवरी को
चंद्रग्रहण का राजनीतिक व्यक्तित्व पर प्रभाव
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डॉ. कृपाशंकर व्यास माघ शुक्ल पूर्णिमा गुरुवार 21 फरवरी को प्रातः 7 बजकर 13 मिनट पर ग्रस्तास्त चंद्रग्रहण है। ग्रहण चंद्रास्त के समय में पश्चिमोत्तरी जम्मू कश्मीर, पश्चिमी राजस्थान तथा पश्चिमी गुजरात के उन स्थानों पर दिखाई देगा, जहाँ चंद्रास्त 7 बजकर 13 मिनट के बाद होगा। ये स्थान श्रीनगर से लेकर दीव द्वीप के पश्चिम भाग में होंगे। सामान्यतः ग्रहण जिन स्थानों पर दिखाई देगा, उन्हीं स्थानों के व्यक्तियों को विशेष प्रभावित करेगा। अन्य स्थानों के व्यक्तियों पर ग्रहण का सामान्य प्रभाव ही होगा। जिन व्यक्तियों की राशि के लिए ग्रहण अशुभ है वे यदि ग्रहण संबंधी पूजन, पाठ व दान आदि करते हैं तो उन्हें कम कष्ट होगा।राजनीतिक दृष्टि से ग्रहण शुभ नहीं है। इसका प्रभाव भारत की राजनीति पर अवश्य पड़ेगा। ग्रहण के साथ ग्रहों की स्थिति शुभ नहीं है। राजनीति में अस्थिरता विशेष रहेगी। सिंह राशि एवं मघा नक्षत्र के शासकों को ग्रहण विशेष कष्टकारी रहेगा। |
डॉ. मनमोहनसिंह की कर्क राशि होने से ग्रहण शुभ नहीं है। कश्मीर व राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए ग्रहण प्रतिकूल है। गुजरात के मुख्यमंत्री की राशि वृश्चिक होने से ग्रहण अनुकूल रहेगा। |
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आगामी तीन माह में आतंकवाद व क्षेत्रीयता के कारण जनधन की विशेष हानि के योग हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव विशेष रहेगा। जनता त्रस्त रहेगी। खून खराबे के योग हैं। पार्टियों में आंतरिक उठापटक के योग हैं। सत्ता गठबंधन पुनः किसी संकट में फँस सकता है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। समुद्री प्रकोप संभव है।डॉ. मनमोहनसिंह की कर्क राशि होने से ग्रहण शुभ नहीं है। कश्मीर व राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए ग्रहण प्रतिकूल है। गुजरात के मुख्यमंत्री की राशि वृश्चिक होने से ग्रहण अनुकूल रहेगा।ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव : मेष-चिंता। वृषभ-कष्ट। मिथुन-लाभ। कर्क-हानि। सिंह-पीड़ा व हानि। कन्या-हानि। तुला-लाभ। वृश्चिक-शुभ। धनु-अपमान। मकर-कष्ट, अशांति। कुंभ-पारिवारिक चिंता। मीन-शुभ।