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गुरु के परिवर्तन का क्या होगा प्रभाव

गुरु 7 नवंबर तक मार्गी रहेंगे, देश पर असर

गुरु ग्रह
* गुरु 7 नवंबर तक मार्गी, क्या होगा आप पर असर?

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वक्री ग्रह हमेशा उलटा ही फल देते है यह सब जानते हैं। गुरु ज्ञान, धर्म, अलगाव का कारक होकर विवेक के साथ महत्वाकांक्षा प्रदान करता है।

गुरु 31 जनवरी 2013 से मार्गी हुए हैं और 7 नवंबर तक मार्गी रहेंगे। इस बीच 5 जून से 5 जुलाई तक गुरु अस्त भी रहेंगे। 31 मई से गुरु शुक्र का साथ छोड़ कर बुध की राशि मिथुन में आएंगे।

भारत सदैव से गुरु प्रधान देश रहा है, उसने कई दंश झेले हैं लेकिन सदैव विवेक से चलने पर जीत भी हासिल की है। यही गुरु प्रधान देश का कमाल है। जो कठिन परिस्थितियों में भी विवेक नहीं खोता वही गुरु कहलाता है। इसी कारण भारत को गुरु प्रधान देश का दर्जा है।

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गुरु मार्गी होते ही कोई न कोई चमत्कारी स्थिति पैदा करेगा, जिससे भारत को नई उम्मीद के साथ-साथ विशेष सफलता भी मिलेगी।

गुरु के मिथुन में मार्गी होने से वर्षा कम होगी, रुई में मंदी, चांदी, सोना, वस्त्र, सौंठ, पीपल, मिर्च, जायफल, अन्न, जौ, गेंहू, चना, तेल, अलसी, सरसों, मूंगफली, लोहा, तांबा आदि में मंदी न होकर तेजी का रूख रहेगा। पश्चिम व वायव्य दिशा में कष्ट होंगे। उत्तर दिशा में विचित्र घटना भी संभव है।

मिथुन का गुरु बाजार में सामान्य स्थिति कायम करता है। मिथुन के गुरु में अस्त होने पर तेल, तिल, नमक आदि कई वस्तु में तेजी करता है व वर्षा उत्तम होती है। गुरु मिथुन में उदय होता है तो रोगों का कारण भी बनता है। गुरु ज्येष्ठ मास में उदय होने से वर्षा उत्तम होती है।

मार्गी गुरु का विभिन्न राशियों पर क्या होगा प्रभाव...


मार्गी गुरु का विभिन्न राशियों पर क्या होगा प्रभाव...

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* मेष के लिए शारीरिक कष्ट,
* वृषभ के लिए धन लाभ,
* मिथुन के लिए भय,
* कर्क के लिए व्याधि,
* सिंह के लिए प्रगति,
* कन्या के लिए धन हानी,
* तुला के लिए धन लाभ,
* वृश्चिक के लिए ऐश्वर्य प्राप्ति व धन लाभ,
* धनु के लिए सम्मान,
* मकर के लिए रोग-भय,
* कुंभ के लिए सुख,
* मीन के लिए धन हानि।

नेष्ट फल मिलने पर - गुरुवार के दिन अमावस्या हो तो केले के वृक्ष में जल सींचें। पीली वस्तु, पीले कपडे़ में बांध कर दान दें। जन्म पत्रिकानुसार पुखराज धारण करें।