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Written By ND

चाहिए, बस एक 'आइडिया'!

चाहिए, बस एक ''आइडिया''! -
- इमरान हुसैन

वर्तमान जीवन में 'आइडिया' का बड़ा महत्व होता जा रहा है। कहा जा सकता है कि आजकल लोग 'आइडिया की खाते हैं।' यहाँ आइडिया से तात्पर्य 'केन्द्रीय विचार बिन्दु' से है। यह वह बीज होता है, जिससे पूरा प्रोजेक्ट जन्म लेता है।

आइडिया हमें अपने जीवन में समय-समय पर काम आते हैं या यूँ कहिए कि बगैर आइडिया के अब काम नहीं चलता है। अगर आप किसी मुसीबत में फँस जाते हैं या आपके सामने कोई परेशानी आ जाती है तो आपको उससे निकलने के लिए एक आइडिया चाहिए होता है। ऐसे में आप अपने परिजन, दोस्त, रिश्तेदार, शुभचिंतक या किसी अन्य से मदद लेते हैं। आपने भी जीवन में कभी तो इन शब्दों का उपयोग किया होगा, 'यार, मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। इस मुसीबत से बचने का कोई आइडिया बता।'

आप नया व्यापार प्रारंभ करना चाहते हैं, आप एक बिजनेसमैन हैं या फिर किसी ऐसे पद पर काम कर रहे हैं जहाँ पर आपका लक्ष्य व्यापार को बढ़ाना या फैलाना है तो फिर आपको हर बार नए-नए आइडिया लगाने होंगे। कहाँ से बिजनेस शुरू किया जाए, उत्पाद को कैसे बाजार में लाया जाए, उसमें क्या सुधार लाया जाए, किस प्रकार बिक्री बढ़ाई जाए इत्यादि।

इस स्थिति में कभी-कभी आप खुद आइडिया देते हैं तो कभी आपको आपसे वरिष्ठ व्यक्ति कोई आइडिया देता है, जिस पर आपको अमल करना होता और परिणाम भी देना होता है। वैसे आजकल इस प्रकार के आइडिया के लिए बड़ी संस्थाओं में एक अलग ही विभाग रखा जाने लगा है।

कार्यालय हो, स्कूल हो, ट्यूशन हो या कॉलेज, यदि देर हो जाए, छुट्टी मनाना हो या घर जल्दी जाना हो तो ऐसे में लोग एक जबर्दस्त आइडिया तलाशते हैं। कभी यह आइडिया काम कर जाता है तो कभी टाँय-टाँय फिस्स हो जाता है। फिल्म निर्माता हो या टी.वी. सीरियल निर्माता, इन्हें तो सिर्फ एक आइडिया ही पर्याप्त होता है, अपने काम के लिए। लेखक-कहानीकार को भी अपनी नई रचना के लिए सिर्फ एक आइडिया ही चाहिए होता है। अधिकतर आइडिया परिस्थिति के हिसाब से ही आते हैं और कुछ आइडिया यह पूछने पर पैदा होते हैं कि ऐसा हो तो क्या हो!

यदि आप आइडिया की तलाश में हैं तो ये आपको अपने भीतर से, अपने आसपास से, किस्से-कहानियों से, टी.वी. से, फिल्मों से, इतिहास और जीवनियों से, लोक कथाओं से, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र की पोथियों से मिल सकते हैं। वैसे आप आइडिया पाने के लिए पत्र-पत्रिकाएँ भी पढ़ लें तो बेहतर होगा क्योंकि अँगरेजी में एक कहावत है- 'फैक्ट इ.ज स्ट्रेंजर देन फिक्शन' यानी 'वास्तविकता किस्से-कहानी से भी ज्यादा विचित्र होती है।' संभव है आपको ऐसी किसी विचित्र घटना का पता चले जो आइडिया पाने में आपके लिए मददगार साबित हो।