अब वह वक्त नहीं रहा, जब हर मामले में लड़कों को ही तवज्जो दिया जाता था। अब लड़कियाँ भी वंश को अपना नाम दे सकती हैं। वे भी अपने परिवार का नाम रोशन कर सकती हैं बशर्ते उन पर अनावश्यक दबाव न बनाया जाए। तभी एक औरत सही मायने में माँ बन सकती है जब वह उसके लिए शारीरिक व मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार हो।और भी पढ़ें : |