दस्तावेज के आधार पर अपनी बेटी का दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में दाखिला दिलाने की शिकायत लोकायुक्त के पास की गई है। शिकायतकर्ता ने मामले की जांच कराने की मांग की है। तरविंदर सिंह मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव भी हैं। इसलिए शिकायत में मुख्यमंत्री का भी नाम संलग्न है। शिकायतकर्ता का नाम हरिओम गुप्ता है।
शिकायत के अनुसार मारवाह ने 5 जुलाई 2011 को अपने कार्यालय के लेटर हेड पर माता सुंदरी कॉलेज के चेयरमैन को चिट्ठी लिखी। इसके साथ मध्यप्रदेश स्टेट ओपन स्कूल, भोपाल द्वारा जारी हाई स्कूल का प्रमाणपत्र भी संलग्न था। 500 के अंक पत्र में 255 अंक दिखाया है। साथ में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र भी था। 12 जुलाई 2011 को उनकी लड़की ने एक आवेदन पत्र जमा कराया। इसमें भी उन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। इसके आधार पर उसे स्नातक में दाखिला भी मिल गया। लेकिन कॉलेज ने जांच के दौरान उन दस्तावेजों को फर्जी पाया। उन्होंने पाया कि उनके दस्तावेज पर मध्यप्रदेश स्टेट ओपन स्कूल के अतिरिक्त निदेशक की मुहर भी जाली थी। जांच के आधार पर कॉलेज ने आईपी स्टेट थाना में मामले की शिकायत की। एफआईआर दर्ज कराया गया। पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 472, 473, 120बी, 34 लगाया। शिकायत में मुख्यमंत्री की संलिप्तता के भी आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि दोनों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। दोनों की मिलीभगत से ही इसे अंजाम दिया गया।
विधायक तरविंदर सिंह मारवाह द्वारा फर्जी