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Written By Naidunia
Last Modified: झाबुआ , शनिवार, 10 मार्च 2012 (22:47 IST)

पापड़ की कीमतें 20 प्रतिशत बढ़ीं

पापड़ की कीमतें 20 प्रतिशत बढ़ीं -
इन दिनों महँगाई की छाया तीज-त्योहारों पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। शीतला सप्तमी पर्व बुधवार को है और अंचल में महिलाएंँ इस पर्व की तैयारी में जुट गई हैं, वे घर में तरह-तरह के पापड़ बना रही हैं। वहीं बाजार में इस वर्ष पापड़-चिप्स की कीमतों में 20 से 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। झाबुआ के बाजार में सजी पापड़-चिप्स की दुकानों पर इस वर्ष कई नई किस्म के पापड़ आए हैं और लोगों द्वारा इनकी खरीदी आरंभ कर दी गई है लेकिन महँगे होने के कारण लोगों की जेबें हल्की हो रही हैं।


होली के बाद सप्तमी के दिन मनाए जाने वाले पर्व शीतला सप्तमी को लेकर अंचल में तैयारियाँ आरंभ हो गई हैं। महिलाओं द्वारा दैनिक कामकाज से निपट कर दोपहर के वक्त पापड़-चिप्स बनाए जा रहे हैं। गृहिणी कौशल्या जैन कहती हैं कि बाजार में हर चीज के भाव बढ़ रहे हैं इसलिए वे इस बार शीतला सप्तमी के लिए विभिन्न प्रकार के पापड़ घर पर ही बना रही हैं।


सज गई दुकानें

यहाँ थांदला गेट बाजार एवं अन्य बाजारों में पापड़-चिप्स आदि की दुकानें सज गई हैं। पापड़ व्यवसायी सुरेन्द्र सिंह राठौर एवं संदीप जैन ने बताया कि इस बार पापड़ों की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वे कहते हैं कि वे इस धंधे से पिछले करीब 30 वर्षों से जुड़े हैं और अधिकांश किस्म के पापड़ अपने घर पर ही तैयार करवाते हैं। उनका कहना कि दाल-चावल एवं अन्य किराना सामग्री में आई तेजी के कारण इस बार पापड़ के भाव अधिक हैं।


पापड़ की नई वैरायटियाँ

बाजार में इस वर्ष पापड़ में कई नई वैरायटियाँ आई हैं जिनकी ओर लोग आकर्षित भी हो रहे हैं। श्री जैन ने बताया कि मूंग पापड़ 90 से 150 रुपए प्रति किलो, चना पापड़ 80 से 120, उड़द पापड़ 120 से 140, चावल के पापड़ 80 से 160, बंगाली पापड़ 140, साबूदाना पापड़ 120, देवरानी-जेठानी पापड़ 140, गेहूँ के मीठे पापड़ 120 एवं मसाला पापड़ 120, हरी मिर्च पापड़, जीरा पापड़, ज्वार पापड़, मक्का व बाजरे के पापड़ 100-120 रुपए प्रति किलो के मान से बिक रहे हैं। इस बार आलू पनीसर बंटा चिप्स बाजार में आई है जो 300-320 रूपए प्रति किलो बिक रही है। साथ ही दूध की चिप्स 620, साबूदाना कुल्लई 120, गेहूँ की कुल्लई 60, चावल की कुल्लई 80, आलू कतरन 80, गोल-गप्पा 350, गेहूँ की छुई-मुई 120, गोंद के पापड़ 600, बासमती पापड़ 120 तथा आलू पापड़ 120 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहे हैं।


लगती हैं लम्बी कतारें

उल्लेखनीय है कि होली के बाद सातवें दिन मनाया जाने वाला पर्व शीतला सप्तमी अंचल में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन क्षेत्र के घरों में ताजा खाना नहीं बनाया जाता है। एक दिन पूर्व बना खाना ही उस दिन लोगों द्वारा ग्रहण किया जाता है। सप्तमी पर श्रद्घालुओं द्वारा शीतला माता की पूजा-अर्चना की जाती है। शहर में मंदिरों पर पूजन के लिए देर रात यानी तड़के 3 बजे से ही श्रद्घालुओं की लंबी लाइनें लगना शुरू हो जाती हैं।