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Written By Naidunia
Last Modified: इंदौर , बुधवार, 29 फ़रवरी 2012 (12:36 IST)

विवि की मनमानी, पीजी पढ़ रहे छात्रों पर संकट

कुलपति
एमबीए और अन्य पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। यूजी के छठे सेमेस्टर में ऐटीकेटी पाने वाले इन विद्यार्थियों की ऐटीकेटी परीक्षा करवाने से विवि मुकर रहा है। जबकी पूर्व कुलपति प्रो.पीके मिश्रा और मौजूदा कुलपति प्रो.राजकमल दोनों ही लिखित में परीक्षा करवाने का आश्वासन दे चुके थे। विवि के ताजा रूख के बाद कॉलेज वाले उनका प्रवेश निरस्त करने की तैयारी में है। विवि की मनमानी का शिकार होकर सैकड़ों विद्यार्थियों को पीजी की डिग्री अधूरी छोड़ना पड़ सकती है। पीजी में दाखिला ले चुके इन विद्यार्थियों का एक सेमेस्टर पूरा भी हो चुका है। बीते दिनों से तमाम कोर्सों के विद्यार्थी ऐटीकेटी परीक्षा करवाने के लिए विवि के चक्कर लगवा रहे हैं। कुलपति से लेकर विवि के अधिकारियों ने भी ऐटीकेटी परीक्षा करवाने से इनकार कर दिया। इसके लिए नियमों का बहाना बनाया जा रहा है।


विशेष परीक्षा नहीं

विवि प्रशासन ने छात्रों को ऐटीकेटी परीक्षा के लिए सालभर इंतजार करने को कहा है। विवि के अनुसार अगले वर्ष छठें सेमेस्टर की नियमित परीक्षा के साथ उनकी परीक्षा होगी। विवि अधिकारियों के अनुसार सेमेस्टर के नियमों में अलग से ऐटीकेटी करवाने का प्रावधान नहीं है। छात्रों ने तर्क दिया कि पहले वार्षिक प्रणाली में भी पूरक परीक्षा होती थी।


नियमों की झूठी आड़

विवि के अधिकारी नियमों का हवाला देकर ऐटीकेटी परीक्षा को टाल रहे हैं। पूर्व कुलपति प्रो.पीके मिश्रा से जब इस बारे में चर्चा की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि ऐटीकेटी परीक्षा करवाने का उन्होंने आश्वासन दिया था। पूर्व कुलपति के अनुसार नियमों में यह कही नहीं लिखा है कि ऐटीकेटी परीक्षा नहीं करवाई जा सकती। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विवि को आगे रहकर छात्रों के हित में कदम उठाना चाहिए। इधर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ.नरेंद्र धाकड़ ने स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों के भविष्य के मद्देनजर विवि परीक्षा आयोजित करवाता है तो शासन आपत्ति नहीं लेगा।