Last Modified: डिंडौरी ,
बुधवार, 4 अप्रैल 2012 (10:17 IST)
हम हिंदू नहीं हैं, हमारा धर्म गोंडी
गोंडवाना महासभा मध्यप्रदेश के तत्वावधान में मंगलवार को आमसभा का आयोजन किया गया। आमसभा में आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। आमसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिले में जातिगत जनगणना में कर्मचारियों द्वारा आदिवासियों से जबरन हिन्दू धर्म लिखवाया जा रहा है, जबकि हर आदिवासी ने अपना धर्म गोंडी बताया है। अन्य कालम में उनके धर्म को लिखा जा सकता है लेकिन कम्प्यूटर गणना नहीं कर रहा है, यह कहकर आदिवासियों को जबरदस्ती हिंदू बनाया जा रहा है।
आमसभा के दौरान सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर यह संदेश दिया गया कि धर्म प्रकृति लिखें। इसके लिए सभी आदिवासी बाहुल्य प्रदेशों में संदेश भेजा गया है। साथ ही रैली निकालकर महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किए गए हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह था कि आजादी के बाद से आज तक आदिवासियों के धर्म एवं भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके विरोध में आदिवासी समाज ने इस आंदोलन के माध्यम से गोंडवाना महासभा के बैनर तले अपनी आवाज को बुलंद की। यह विरोध पूरे मध्यप्रदेश में आदिवासी बाहुल्य जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखण्ड आदि में भी आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। मूलनिवासी आदिवासियों के गोंडी धर्म एवं भाषा को मान्यता नहीं दी गई है। इससे पूरे आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है, क्योंकि समाज के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि संसद में और न ही विधान सभा में इस बात को रख रहे हैं।