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बजट सत्र के बाद बजेगी चुनावी रणभेरी

रायपुर| Naidunia| Last Modified सोमवार, 2 जनवरी 2012 (01:01 IST)
भाजपा द्वारा बजट सत्र के बाद चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी की जा रही है। दरअसल यह कार्यक्रम सत्र से पहले ही करने की कवायद की जा रही थी लेकिन तमाम बड़े नेता इन दिनों उत्तराखंड चुनाव में व्यस्त रहेंगे लिहाजा इस कार्यक्रम को सत्र के बाद करने की संभावना है। इसके तहत विधानसभा स्तर पर बैठकें होंगी साथ ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की सुध लेने की पहल भी होगी।


नए साल के आगाज के साथ ही अब भाजपा संगठन मिशन 2013 की तैयारियों को लेकर मैदाने जंग में कूदने की कोशिश में लग गया है। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की उपलब्धियाँ गिनाने के लिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से अपील की जाएगी कि पार्टी को जीत दिलाने में आप ही सक्षम हैं। दरअसल पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर जो कुछ भी चल रहा है उसे लेकर संगठन के कान खड़े हो गए हैं। यही वजह है कि विधासभा स्तर पर जमीनी कार्यकर्ताओं से मेलजोल बढाने व उनकी समस्याओं से रू-ब-रू होने के लिए बजट सत्र से पहले अभियान चलाकर बैठकों का दौर शुरू किया जाना था लेकिन तकनीकी वजहों से इस पर अमल नहीं किया जा सका लिहाजा संभावना जताई जा रही है कि सत्र के बाद इस पर अमल होगा। आने वाले समय में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और प्रदेश के डेढ सौ से ज्यादा नेता या तो चुनाव प्रचार में जा चुके हैं या फिर जाने वाले हैं।


बनेगी तगड़ी रणनीति

आने वाले चुनाव में विपक्षियों को करारी शिकस्त देने के लिए पार्टी के आला नेता तगड़ी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। हालांकि रणनीति क्या होगी इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि विकास के मुद्दों पर ही रणनीति बनाई जा सकती है। दूसरी पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं के बीच चल रही विरोधाभास को दूर करने के लिए कोई नई पहल की जा सकती है। सत्ता में भागीदारी न होने की शिकायत व उनकी बातों को नजरअंदाज करने की बात आम कार्यकर्ताओं के जेहन में मौजूद है जिसे दूर करने की भरकस कोशिश पार्टी कर सकती है।


शिकायतों के बाद समीक्षा की पहल

पार्टी के पदाधिकारियों के पास अब तक प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से डेढ़ सौ से ज्यादा शिकायतें आ चुकी है। यही वजह है कि इन शिकायतों के मूल में जाने व शिकायतों को दूर करने की पहल की बुनियाद रखे जाने की बात की जा रही है।

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