सीजी पीएमटी पेपर लीककांड का सरगना बेदीराम आधा दर्जन राज्यों में पुलिस का मोस्ट वांटेड है। छग पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लेने की खबर फैलते ही कई राज्यों की पुलिस ने क्राइम ब्रांच से संपर्क साधा है। बेदीराम ने स्वीकार किया कि वह पुलिस से बचने के लिए ही रसूखदार बना। राजनीति में ऊंची दखल रखने उसने पहले भाजपा फिर बसपा का दामन थामा। जब भी पुलिस उसे पकड़ने घर पहुंचती थी, किसी बड़े अफसर, नेता और मंत्री का फोन आते ही वह छूट जाता था।
बेइज्जत होने के डर से हुआ गिरफ्तार
ऐसा पहली बार हुआ कि यूपी गई राजधानी क्राइम ब्रांच की टीम ने मास्टर माइंड बेदीराम समर्थकों के सामने बिना किसी विरोध, विवाद के उस वक्त पकड़ा जब वह चुनाव प्रचार कर घर लौटा था। बेदीराम के कंधे पर एएसआई कलीम खान ने हाथ रखकर कहा आराम से चलोगे या फिर सबके सामने बेइज्जत कर ले जाना पड़ेगा? चुंकि जौनपुर जिले से लगे उसके गृह ग्राम कोसियां में उसकी काफी इज्जत है, इसलिए वह बिना कुछ कहे पुलिस वाहन में बैठ गया। इस दौरान उसके समर्थकों ने इधर-उधर फोन घनघना कर भाईजी को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन क्राइम ब्रांच के सामने किसी की दाल नहीं गली। स्थानीय पुलिस को तो इसकी भनक तब लगी जब मास्टर माइंड को साथ लेकर पुलिस टीम जिले की सीमा पीछे छोड़ गई थी।
चचेरा भाई का बड़ा गैंग
बेदीराम ने पूछताछ में बताया कि चचेरे भाई दानीराम पेपर लीककांड का असली मास्टर माइंड है। उसी ने आगरा के प्रिटिंग प्रेस से पीएमटी का पेपर का जुगाड़ कर उसे सौंपा था। बाद में उसने यह पेपर अजीत सिंह को दिया। अजीत दीना का खास गुर्गा माना जाता है। अजीत ने संतोष सिंह के माध्यम से पेपर की फोटो कापी छत्तीसगढ़ में लोकल गैंग को दिया था। बेदी पहले दीना के साथ मिलकर पेपर लिक करता था। बाद में दोनों के संबंधों में खटास आने पर दीनाराम ने अपना अलग गैंग बना लिया। गैंग में यूपी के साथ ज्यादातर बिहार के लोग शामिल है।