राज्य के पाँच नक्सल प्रभावित जिलों के दो दर्जन से अधिक सरकारी अस्पतालों का संचालन स्वास्थ्य विभाग खुद करेगा। शासन ने इनके संचालन का जिम्मा गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को देने का निर्णय लिया था। इस आशय में शासन ने एनजीओ से आवेदन भी मंगाए थे। लेकिन एनजीओ ने इनके संचालन के लिए इतना अधिक पैसा माँगा कि शासन ने अपने निर्णय को वापस ले लिया।
एनजीओ ने 40 लाख माँगे
स्वास्थ्य संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के लिए लगभग 100 एनजीओ ने आवेदन किए थे। इनमें नक्सल प्रभावित आदिवासी इलाके में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाली एनजीओ को प्राथमिकता दिया जाना था। लेकिन छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के नक्सल इलाकों में स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा रही एनजीओ ने अस्पतालों के संचालन के लिए 14 से 40 लाख रुपए प्रतिमाह के तौर मांग की है। जिसके कारण शासन अपने निर्णय से पीछे हट रहा है। बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर व नारायणपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भारी कमी है।