तुम्हें भूलने की एक मामूली कोशिश की है मैंने, जानते हो? अतीत सुलगने लगा है पर मेरी भी सुनो सुलगने दो अतीत को! मेरे वर्तमान को तुम्हारा धुआँ कभी धूमिल नहीं कर सकता यह मेरा अपने आप से वादा है! ------
बदलते जमाने के बदले हुए दोस्त, उस भोगे हुए यथार्थ की कसम, कल तुम चीखना चाहोगे पर चीख नहीं पाओगे क्योंकि तब तुम मुझे बदला हुआ पाओगे