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काश! तुम मेरे लिए गाते
ऋषिवंशजिंदगी को पंख लग जाते काश! तुम मेरे लिए गातेमुस्करातीं झूमतीं कलियाँऔर जंगल फूल बरसाते।इस तरह कुछ बहारें आतींबिना मौसम महकतीं रातें।खुली आँखों देखते सपनेबंद आँखों की मुलाकातें।तड़पते दिल को करार आतामिलन के पल जाम टकराते।धड़कनों में सुलगती हलचलरतजगों की रसीली बातें।हवा मदिरा पिये बल खातीशराबी से ख्वाब लहराते।दूध धोई चाँदनी में हमदेर तक रातों में बतियाते।पिघलता आगोश में संदलडूबते हम और उतराते।