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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , बुधवार, 4 अप्रैल 2012 (00:20 IST)

आदर्श घोटाला, आईएसआई अधिकारी गिरफ्तार

आदर्श घोटाला, आईएसआई अधिकारी गिरफ्तार -
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सीबीआई ने बहुमंजिला आदर्श हाउसिंग सोसाइटी को मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं के लिए मंगलवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जयराज पाठक और पूर्व राज्य सूचना आयुक्त रमानंद तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच अदालत ने आज सात आरोपियों को 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि जयराज पाठक वर्ष 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि तिवारी वर्ष 1972 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो महाराष्ट्र सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। दोनों को पूरे दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि दोनों को सोमवार को एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। दोनों गत वर्ष सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में नामित 14 लोगों में शामिल हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।

सीबीआई के अनुसार पाठक ने नगरपालिका आयुक्त तथा हाइराइज कमेटी के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से कोलाबा के पॉश इलाके में इमारत की ऊंचाई 100 मीटर से अधिक बढ़ाने की इजाजत दी।

सीबीआई ने दावा किया कि पाठक ने कथित रूप से यह निर्णय इस मामले को कमेटी के अन्य सदस्यों के पास भेजने के बिना ही लिया, जबकि नियम के तहत उन्हें मामले को अन्य सदस्यों के पास भेजना चाहिए था। एजेंसी को पाठक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिली है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि पाठक ने कथित रूप से इसके एवज में आदर्श सोसायटी में अपने पुत्र के नाम एक फ्लैट प्राप्त किया।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि 70 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के प्रस्ताव को हाईराइज कमेटी के पास भेजा जाता है। इस मामले में कमेटी ने 97.60 मीटर की ऊंचाई की सिफारिश की। सितंबर 2007 में सोसायटी ने नगरपालिका की अनुमति के बिना ही एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण करा दिया, जिससे इमारत की ऊंचाई 100.7 मीटर हो गई। तत्कालीन नगरपालिका आयुक्त जयराज पाठक ने इस मामले को हाईराइज कमेटी के पास भेजने की बजाय उसे अवैध रूप से इसे नियमित कर दिया।

राज्य के पूर्व सूचना आयुक्त तिवारी भी इस मामले में आरोपी हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बेस्ट भूमि से फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) को आदर्श को हस्तांतरित करने में मदद की। तिवारी ने कथित रूप से एमएमआरडीए को पत्र जारी करके योजना प्राधिकरण को प्लाट विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर दिग्भ्रमित किया। सीबीआई की ओर से तिवारी और पाठक के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति मांगे जाने के बाद सरकार ने दोनों को निलंबित कर दिया है।

इस मामले में गिरफ्तार अन्य लोगों में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एआर कुमार, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) टीके कौल, सेवानिवृत्त डिफेंस इस्टेट ऑफिसर आरसी ठाकुर, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एमएम वांचू, शहरी विकास विभाग में पूर्व उपसचिव पीवी देशमुख, कन्हैयालाल गिडवानी और मुंबई के तत्कालीन कलेक्टर प्रदीप व्यास शामिल हैं। (भाषा)