• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. एनआरआई
  4. »
  5. एनआरआई साहित्य
Written By WD

उड़ने दे मुझे

- नीना वाही

एनआरआई कविता
GN

खोल दे पिंजरा, उड़ने दे मुझे
उन्मुक्त पवन सा, उड़ने दे मुझे
नील गगन थी थांव मेरी
पंख हैं कोमल कठोर इरादे
उड़ने दे मुझे, उड़ने दे मुझे

खिलने दे मुझे, मुझे खिलने दे
कोमल कली जान न मसल मुझे
खिलने से पहले ही न कुचल मुझे
महकने दे मुझे, सु‍व‍ासित पुष्प बनूं मैं
खिलने दे मुझे, मुझे खिलने दे

पढ़ने दे मुझे, पढ़ने दे मुझे
ज्ञान ही है शक्ति मेरी
विद्यालय ही है आलय मेरा
घर के घेरे में न घेर मुझे
पढ़ने दे मुझे, पढ़ने दे मुझे,

ओस की बूंद सी हूं मैं
शीतलता ही है तासीर मेरी
न झोंक मुझे संघर्षों की तपती लू में
सुखा दे जो मेरा ही अस्तित्व

भाई है तू मेरा तो बांध मुझे राखी
रक्षा की तूने मेरी रक्षक बनूं मैं तेरी
शक्ति मुझमें भी है भूल न जाना
सम्मान करो मेरी शक्ति का
ललकारो न मेरी शक्ति को।