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Written By WD

डॉ. अंजना संधीर को 'साहित्यमणि' अलंकरण

डॉ. अंजना संधीर को ''साहित्यमणि'' अलंकरण -
- देवी नागरानी, नीना वाह‍ी

GN
विगत 7 जून 2009 को पूर्णमासी के दिन पूर्णिमा देसाई के शिक्षायतन, फ्लुशिंग, न्यूयार्क के प्रांगण में एक काव्य-गोष्‍ठी का आयोजन कर डॉ. अंजना संधीर का सम्मान किया गया।

शिक्षायतन एक ऐसी संस्था है जहाँ विद्यार्थियों को हिंदी और संस्कृत भाषा के शिक्षण के साथ-साथ नृत्य, संगीत और भारतीय संस्कृति का ज्ञान भी दिया जाता है। इस संस्था की संस्थापिका एवं निर्देशिका पूर्णिमा देसाई ने डॉ. अंजना संधीर का स्वागत किया। मंच का गौरव बढ़ाते हुए अंजना संधीर ने दीप प्रज्वलित किया। पंडित कमल मिश्रा ने सरस्वती वंदना की।

इस अवसर पर अंजना संधीर के 'प्रवासिनी के बोल' और 'प्रवासी आवाज' के संपादन पर गौरव व्यक्त किया गया। भावों के आदान-प्रदान के पश्‍चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. दाऊजी गुप्त द्वारा डॉ. अंजना को 'साहित्यमणि' से पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में न्यूयार्क तथा न्यूजर्सी से आए अनेक साहित्यकारों तथा कविगणों ने भाग लिया। कवि गोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन आरती के पश्चात रात्रि भोजन से किया गया।