• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. सेहत
  4. »
  5. जडी-बूटियाँ
Written By WD

जड़ी-बूटियां : जानिए मुलहठी के औषधीय उपाय

आप भी जरूर आजमाएं मुलहठी

जड़ी-बूटियां : जानिए मुलहठी के औषधीय उपाय -

* कई बीमारियों में लाभकारी है मुलहठी...

FILE


मुलहठी जहां शरीर को शक्तिशाली बनाती है, वहीं अन्य कई रोगों में वह लाभकारी हैं। खासकर महिलाओं में होने वाले अनियमित मासिक ऋतुस्राव के लिए तो एक विशेष औषधि के तौर पर प्रयोग की जाती है।

आइए जानते हैं मुलेहठी के औषधीय उपाय...

FILE


मुलहठी एक पौष्टिक औषधि :

शरीर को पुष्ट, सुडौल और शक्तिशाली बनाने के लिए किसी भी आयु वाले स्त्री या पुरुष सुबह और रात को सोने से पहले मुलहठी का महीन पिसा हुआ चूर्ण 5 ग्राम, आधा चम्मच शुद्ध घी और डेढ़ चम्मच शहद में मिलाकर चाटें और ऊपर से मिश्री मिला ठंडा किया हुआ दूध घूंट-घूंट कर पिएं। यह प्रयोग कम से कम 40 दिन करें। बहुत लाभकारी है।


FILE


मासिक ऋतुस्राव में लाभकारी :

मुलहठी का चूर्ण 5 ग्राम थोड़े शहद में मिलाकर चटनी जैसा बनाकर चाटने और ऊपर से मिश्री मिला ठंडा किया हुआ दूध घूंट-घूंटकर पीने से मासिक स्राव नियमित हो जाता है। इसे कम से कम 40 दिन तक सुबह-शाम पीना चाहिए और तले पदार्थ, गरम मसाला, लाल मिर्च, बेसन के पदार्थ, अंडा व मांस का सेवन बंद रखें। ऊष्ण प्रकृति के पदार्थों का सेवन न करें। यह महिलाओं के मासिक ऋतुस्राव की अनियमितता को दूर करती है।


FILE


कफ प्रकोप व खांसी :

5 ग्राम मुलहठी चूर्ण 2 कप पानी में डालकर इतना उबालें कि पानी आधा कप बचे। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने पहले पी लें। 3-4 दिन तक यह प्रयोग करना चाहिए। इस प्रयोग से कफ पतला हो जाता है और ढीला हो जाता है, जिससे बड़ी आसानी से निकल जाता है और खांसी व दमा के रोगी को बड़ी राहत मिलती है।


FILE


मुंह के छाले :

मुलहठी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। इसके चूर्ण को थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से भी आराम होता है।

FILE


हिचकी :

मुलहठी चूर्ण शहद के साथ चाटने से हिचकी आना बंद होता है। यह प्रयोग वात और पित्त का शमन भी करता है।


FILE


पेट दर्द :

वात प्रकोप से होने वाले उदरशूल में ऊपर बताए गए मुलहठी के काढ़े का सेवन आधा सुबह और आधा शाम को करने से बादी का उदरशूल ठीक हो जाता है।

FILE


बलवीर्यवर्द्धक और सुडौल शरीर :

मुलहठी का चूर्ण 5 ग्राम और 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण थोड़े से घी में मिलाकर चाट लें और ऊपर से 1 गिलास मिश्री मिला मीठा दूध पिएं। लगातार 60 दिन तक यह प्रयोग सुबह-शाम करने से खूब बलवीर्य की वृद्धि होती है और शरीर पुष्ट व सुडौल होता है।


FILE


दाह (जलन) :

मुलहठी और लाल चंदन पानी के साथ घिसकर लेप करने से दाह (जलन) शांत होती है। केश एवं नेत्रों के लिए इसका प्रयोग अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।