यदि वैज्ञानिकों के दावे पर यकीन करें तो बेटी चाहने वाले दंपतियों के लिए बेहतर होगा कि वे अफ्रीका में जाकर रहें।
वैज्ञानिकों के नए शोध में इस बात को रेखांकित किया गया है कि उष्णकटिबंधीय अक्षांश और सब आर्कटिक अक्षांश के बीच बालक और बालिका के जन्म के अनुपात में बड़ा अंतर देखा गया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ जार्जिया के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्रिस्टन नवारा ने 1997 से 2006 के बीच 202 देशों से एकत्र किए गए आँकड़ों का अध्ययन किया। ये आँकड़ें सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के वर्ल्ड फैक्टबुक में प्रकाशित किए गए थे।
उन्होंने पाया कि पूरी दुनिया में औसतन 48.7 फीसदी बालिकाओं के विपरीत 51.3 फीसदी बालक जन्म लेते हैं, लेकिन अक्षांश के अनुसार इसमें बड़ा अंतर आता जाता है।
उष्णकटिबंधीय अक्षांश में बालकों का जन्म 51.1 फीसदी था, जबकि उष्णकटिबंधीय सब सहारा अफ्रीका में यह केवल 50.8 फीसदी था।
उन्होंने बताया उष्णकटिबंधीय अक्षांश इलाकों में निश्चित रूप से अधिक बालिकाओं ने जन्म लिया। विभिन्न देशों और महाद्वीपों में जीवनशैली तथा सामाजिक आर्थिक भिन्नताओं के बावजूद यह प्रवृत्ति देखी गई।