विश्व पुस्तक मेला में पाठकों की भारी भीड़
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2014
विश्व पुस्तक मेला का सातवां दिन खासी चलह-पहल भरा रहा। कार्यदिवस पर सुबह से बच्चे, अध्यापक और अभिभावकों की भारी भीड़ देखकर इस बात के प्रति आश्वस्त हुआ जा सकता है कि आज भी पुस्तकों के प्रति लोगों में आकर्षण बना हुआ है। पुस्तकों की चाहे कितनी ही नई तकनीकें क्यों न विकसित हो जाएं, मुद्रित पुस्तकों का रोमांच सदैव कायम रहेगा। मेले में 80 हजार से अधिक पुस्तक प्रेमी आए।साहित्यिक हलचल हॉल नं. 8 के सभागार में एनबीटी के अध्यक्ष व एक सुप्रसिद्ध लेखक, श्री ए. सेतुमाधवन के कहानी संग्रह 'ड्यूरिंग द जर्नी एंड अदर स्टोरिज' का लोकार्पण बिहार के मुखयमंत्री के संस्कृति सलाहकार, श्री पवन वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर पीजी कॉलेज ऑफ कम्यूनिकेशन एंड मैनेजमेंट, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली के प्रधानाचार्य, ओमचेरी एन.एन. पिल्लै भी उपस्थित थे। लोकार्पित पुस्तक 15 विशिष्ट कहानियों का एक संग्रह है। हॉल नं. 8 के साहित्य मंच पर राजकमल प्रकाशन द्वारा 'दूर देश ठिकाना'-पोलिश हिन्दी संवाद आयोजित किया गया जिसमें पोलैंड की हिन्दी भाषा में अनूदित तीन पुस्तकों यथा शाहों के शाह-2, कमरे तथा अन्य कहानियां, गलिशिया की कथाएं पर बातचीत की गई।