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Written By ND

युवाओं में बहरापन बढ़ा

हाइटेक म्यूजिक हुआ घातक

Health News | युवाओं में बहरापन बढ़ा
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युवाओं में आईपोड, एमपी-3 और मोबाइल पर इयरफोन से तेज म्यूजिक सुनने के चलन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इयरफोन से घंटों तेज आवाज में संगीत सुनने के शौकीन युवाओं के कानों ने जवाब देना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में रोज इस तरह के मरीज पहुँच रहे हैं। बहरेपन की समस्या लेकर पहुँचने वाले युवा मरीजों में अधिकांश अपने इस शौक के ही सताए हुए होते हैं।

आजकल युवाओं में आइपॉड, डिजिटल एमपी-3 और मोबाइल आदि पर इयरफोन से तेज आवाज में संगीत सुनने का चलन बढ़ता जा रहा है। इससे उनके सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है और एक स्थिति ऐसी आती है जब उन्हें सुनाई देना बिल्कुल बंद हो जाता है। अस्पताल में रोज ऐसे लगभग 10-15 युवा पहुँच रहे हैं। कान संबंधी समस्या में अब यह एक कारण प्रमुखता से उभरकर सामने आ रहा है।

डॉ एस.के. पिप्पल ने बताया कि वैसे तो बहरापन कई कारणों से होता है। लेकिन युवाओं में बढ़ते तेज संगीत सुनने के चलन ने उन्हें और जल्दी बहरा बनाना शुरू कर दिया है। डॉ. पिप्पल के अनुसार जब कोई व्यक्ति तेज आवाज लगातार सुनता है तो उसे धीमी आवाजें सुनाई देना बंद हो जाती हैं। इसके बावजूद यदि तेज आवाज में लगातार संगीत सुनना जारी रखा जाता है तो सुनाई देना बिल्कुल बंद हो जाता है।

डॉ. पिप्पल के अनुसार बहरेपन के अन्य कारणों में इंफेक्शन, चोट लगना, दवाओं का ज्यादा मात्रा में सेवन, और ध्वनि प्रदूषण भी जिम्मेदार है। डॉ. दिनेश गर्ग ने बताया कि अस्पताल में रोज पाँच-छ: युवा बहरेपन की समस्या लेकर आते हैं। उनके कारणों में अधिकांशतया तेज आवाज में संगीत आदि सुनना ही पाया जाता है।