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Written By WD

तुलसी, एक चमत्कारिक औषधि

तुलसी, एक चमत्कारिक औषधि -
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तुलसी भारतीय मूल की ऐसी औषधि है जिसका सांस्कृतिक महत्व है। यहाँ घर में इसके पौधे की उपस्थिति को दैवीय उपहार और सौभाग्यशाली समझा जाता है। भारत में पाई गई यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कारिक औषधि है।

तुलसी शरीर, मन और आत्मा की पीड़ा हरने वाली है। कहा जाता है कि तुलसी में दाह को कम करने, जीवाणुनाशक तथा मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो संक्रमण को दूर करने के साथ-साथ तनाव और अन्य बीमारियों के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति के मुताबिक तुलसी में बीमारियों को ठीक करने की जबर्दस्त क्षमता है। यह सर्दी-जुकाम के प्रभाव को कम कर देती है और बुखार कम करने साथ मलेरिया, चिकनपॉक्स, मीजल्स, एन्फ्लूएंजा और अस्थमा जैसी बीमारियों को भी ठीक कर देती है। तुलसी खासतौर पर दिल की रक्त वाहिकाओं, लीवर, फेफड़े, उच्च रक्तचाप तथा रक्त शर्करा को भी कम करने में मददगार साबित होती है।

अस्थमा के रोगियों को तुलसी की 10 पत्तियों के साथ वसा का 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। यह काढ़ा गर्म करके प्रतिदिन सुबह दें। खाँसी और बुखार के रोगी को 20 तुलसी की पत्तियों को 200 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। यह काढ़ा गर्म करके सुबह पिलाएँ।

चिकनपॉक्स या मीजल्स होने की दशा में यदि दाने निकलने में वक्त लग रहा हो तो तुलसी की पत्तियों का काढ़ा केशर के साथ मिलाकर पिलाएँ। इससे दाने तेजी से निकलते हैं और बच्चे को राहत मिलती है। इसे मलेरिया से निजात पाने के लिए भी पिया जा सकता है।