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Written By WD

खांसी-जुकाम : बदलते मौसम में रहें सावधान

Cough and Cold | खांसी-जुकाम : बदलते मौसम में रहें सावधान
बरसात के जाते ही खांसी-जुकाम होना सामान्य बात है। बच्चा हो या कोई बड़ा व्यक्ति, अगर बाहर से भीगकर आ रहा है और गीले कपड़ों में लगातार रहा है, तो उसे कॉमन फ्लू यानी खांसी-जुकाम हो सकता है।

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* फ्लू के 3 मुख्य वायरस होते हैं। इनमें ए, बी और सी टाइप शामिल हैं। ए वायरस जानवरों और इंसान दोनों में और बी व सी वायरस सिर्फ इंसानों में होता है।



* सबसे खतरनाक टाइप ए वायरस होता है। अगर मरीज को कोई बीमारी है, तो टाइप बी भी गंभीर हो सकता है। सी कम खतरनाक होता है।

* ए और सी की चपेट में आने वाले ज्यादातर बच्चों में छींक आने, शरीर में दर्द, खांसी, नाक बहने और तेज बुखार के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन टाइप सी से प्रभावित लोगों में लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते।


* मौसम में बदलाव के समय टाइप सी ज्यादा सक्रिय होता है और 5-7 दिन में ज्यादातर लोग बिना दवा के भी ठीक हो जाते हैं।

* नाक से पानी बहे, गले में खारिश हो और पीली बलगम के साथ खांसी आए तो इसका मतलब है कि इंफेक्शन बै‍क्टीरियल है।


* सांस की नली के निचले भाग में इंफेक्शन होने पर तेज बुखार व शरीर में तेज दर्द होता है और बलगम ज्यादा बनती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल ट्रीटमेंट दिया जाता है।

* सांस की नली के ऊपरी भाग में इंफेक्शन होने पर नाक बहती है। यह आमतौर पर वायरल होता है। इसमें एंटी एलर्जिक दवाएं दी जाती हैं।

* अगर सिर्फ गले में खराश है तो यह इंफेक्शन बैक्टीरियल होता है। इसमें भी एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती हैं।

सामान्य बचाव क्या हो अगले पेज पर



* बारिश में भीगने से बचें और पानी में देर तक न रहें।

* अगर भीग जाए तो कपड़े तुरंत बदलें और गीले सिर को तौलिए से पोंछकर सुखा लें।

* डॉक्टर से ही लक्षणों के हिसाब से ट्रीटमेंट लेना जरूरी है

समाप्त