नव संवत्सर गुड़ी पड़वा : कैसा होगा देश के लिए
जानिए, नव संवत्सर की आकाशीय मंत्री परिषद
इस संवत्सर का राजा चंद्र है और मंत्री भी चंद्र ही है। शस्येश चौमासी फसलों का अधिपति बुध है। धान्येश शीतकालीन फसलों का अधिपति मंगल, तथा मौसम-वर्षा-जल का स्वामी सूर्य मेघेश है। गुड़-खांड व्यापार के स्वामी रसेश बुध, फलेश स्वामी शनि, धनेश बुध-मंगल एवं दुर्गेश शनि हैं। सृष्टि संवत् 1936, श्रीकृष्ण जन्म-संवत् 5250, कलि-संवत् 5115, सप्तर्षि-संवत् 5090, श्री जैन महावीर-निर्वाण संवत् 2539-40, श्री बुद्ध-संवत् 2636-38, हिजरी सन् 1435-36, फसली सन् 1421-22, ईस्वी सन् 2014-15।
आकाशीय मंत्रिमंडल का फल देश को इस प्रकार से मिल सकता है। जब राजा चंद्र हो तो चावल व श्वेत धान्य की फसलें श्रेष्ठ होती हैं। वृक्ष, वनस्पति, जड़ी-बूटियों एवं तिलहन की उपज व वर्षा अच्छी होती है। चंद्र मन का कारक है अत: इसके राजा होने से यौन अपराधों में वृद्धि, रत्न, खनिज में वृद्धि व कानून व्यवस्था कमजोर रहती है। मंत्री चंद्र हो तो चावल, सफेद वस्तु, वर्षा अधिक होती है व जनता सुख से रहती है। शस्येश फल- शस्येश बुध होने पर वर्षा अधिक होती है। जनजीवन सामान्य रहता है। बुद्धिजीवी वर्ग अपने कर्तव्य का पालन करते नजर आएंगे। शासक वर्ग से जुड़े लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते नजर आएंगे।