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Last Updated : सोमवार, 11 मई 2015 (19:05 IST)

ताजमहल को हिन्दू मंदिर मानने वालों को लगा झटका

ताजमहल को हिन्दू मंदिर मानने वालों को लगा झटका - Taj Mahal
आगरा। ताजमहल को हिन्दू मंदिर मानने वालों को सोमवार को उस वक्त धक्का लगा जब केन्द्र सरकार ने यह कह दिया कि इस दावे का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। 
 

आगरा के कुछ वकीलों ने 17वीं शताब्दी की शानदार इमारत ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने को लेकर याचिका दायर की थी। श्री पीएन ओक समेत कुछ इतिहासकारों का भी दावा था कि ताजमहल भगवान शिव का मंदिर था तथा इसका नाम तेजो महालया था। ताजमहल कभी हिन्दू राजभवन था नाम से श्रीओक की एक किताब भी प्रकाशित हुई थी।
 
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने हाल ही में कहा कि ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। रिकार्ड मौजूद नहीं होने के मतलब यह शोध का विषय हो सकता है। 
 
आगरा के छह वकीलों ने ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने को लेकर याचिका दायर की थी जिसकी नोटिस भारतीय पुरातत्व विभाग, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय तथा राज्य के गृह सचिव को भेजी गयी थी और इनसे जवाब मांगा गया था। हालांकि अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
 
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास तथा अलपसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां ने पूर्व में कहा था कि 17वीं शताब्दी की इमारत ताजमहल में दो मुस्लिमों की कब्र है और इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंप दिया जाना चाहिए।
 
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अघ्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना था कि ताजमहल को हिन्दूओं को दिया जाना चाहिए क्योंकि यह पूर्व में शिव मंदिर था और इसे राजपूत राजाओं ने बनवाया था। (वार्ता)