अंबेडकर जयंती पर कविता : शत-शत तुम्हें प्रणाम
- गौरीशंकर वैश्य 'विनम्र'
भीमराव अंबेडकर बाबा,
शत-शत तुम्हें प्रणाम,
भारत की पावन गाथा,
में अमर तुम्हारा नाम।
माता श्रीमती भीमाबाई,
पिता राम मालो सकपाल,
चौदह अप्रैल को आया था,
उनके घर धरती का लाल
महू छावनी में जन्म स्थल,
अम्बाबाड़े ग्राम।
अंग्रेजों की दासता से,
भारत को मुक्ति दिलाई,
छुआछूत प्रति मुखरित वाणी,
जागरूकता लाई।
जाति-पांति से किया बराबर,
जीवनभर संग्राम।
तुम इतिहास पुरुष,
भारत के संविधान निर्माता,
गणतांत्रिक व्यवस्था पोषित,
जन-जन भाग्य विधाता।
सभी बराबर हैं समाज में,
प्रिय संदेश ललाम।
साभार- देवपुत्र