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Written By WD

वक्रासन

Vakrasana Yoga | Vakrasana Vedio | Vakrasana Pose | वक्रासन
वक्रासन बैठकर करने वाले आसनों के अंतर्गत आता है। वक्र संस्कृत का शब्द है, वक्र का अर्थ होता है टेढ़ा, लेकिन इस आसन के करने से मेरुदंड सीधा होता है। हालाँकि शरीर पूरा टेढ़ा ही हो जाता है।

विधि : दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाते हैं। दोनों हाथ बगल में रखते हैं। कमर सीधी और निगाह सामने रखें। दाएँ पैर को घुटने से मोड़कर लाते हैं और ठीक बाएँ पैर के घुटने की सीध में रखते हैं, उसके बाद दाएँ हाथ को पीछे ले जाते हैं, जिसे मेरुदंड के समांतर रखते हैं। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद अब बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर यह आसन करें।

इसके बाद बाएँ हाथ को दाहिने पैर के घुटने के ऊपर से क्रॉस करके जमीन के ऊपर रखते हैं। इसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाते हैं और ज्यादा से ज्यादा पीछे की ओर देखने की कोशिश करते हैं।

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सावधानी : दाएँ पैर को जब घुटने से मोड़कर लाते हैं, तो बायाँ पैर घुटने की सीध में रखना चाहिए। पीछे रखा गया हाथ कोहनी से सीधरखते हुए मेरुदंड से 6 से 9 इंच के बीच में रखें। पेट और कमर के रोगी योग चिकित्सक की सलाह लें।

लाभ : इस आसन के अभ्यास से लीवर, किडनी, पेनक्रियाज प्रभावित होते हैं जिससे यह अंग निरोगी रहते हैं। स्पाइनल कार्ड मजबूत होती है। हर्निया के रोगियों को भी इससे लाभ मिलता है।