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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Modified: सोमवार, 25 जनवरी 2021 (18:53 IST)

6 योगा टिप्स, सेहत और शांति के लिए

Yoga Tips | 6 योगा टिप्स, सेहत और शांति के लिए
अनियमित जीवन शैली और सांसारिक भागमदौड़ के चलते से कई तरह के रोग, शोक और मानसिक त्रास पैदा हो जाते हैं। ऐसे में धीरे धीरे व्यक्ति वक्त के पहले ही वृद्ध होकर रोगी हो जाता है, क्योंकि न तो खाना पच रहा है और ना ही दिमाग शांत रह रहा है तो फिर निश्चित ही शरीर जवाब देने लगेगा। ऐसे में हम लाएं तो मात्र 6 सरल योगा टिप्स, जिसके माध्यम से आप अपने जीवन में सुख, शांति, निरोगी काया, मानसिक दृढ़ता और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
 
 
1. अंग-संचालन : आपको किसी भी प्राकार के सरल या कठिन योगासन करने की जरूरत नहीं है बस अंग संचालन सीख लें। अंग-संचालन को सूक्ष्म व्यायाम भी कहते हैं। इसे आसनों की शुरुआत के पूर्व किया जाता है। इससे शरीर आसन करने लायक तैयार हो जाता है। सूक्ष्म व्यायाम के अंतर्गत नेत्र, गर्दन, कंधे, हाथ-पैरों की एड़ी-पंजे, घुटने, नितंब-कुल्हों आदि सभी की बेहतर वर्जिश होती है।
 
2. प्राणायाम : अंग-संचालन करते हुए यदि आप इसमें अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी जोड़ देते हैं तो यह एक तरह से आपके भीतर के अंगों और सूक्ष्म नाड़ियों को शुद्ध-पुष्ट कर देगा। यदि यह नहीं याद है तो एक लंबी श्वांस लें और छोड़े, बस यहीं कम से कम 5 मिनट तक करते रहेंगे तो शरीर के भीतर के जमा टॉक्सिन निकलेंगे, खाना पचने लगेगा और शरीर में स्फूर्ति आएगी। 
 
3. मालिश : माह में एक बार बदन की घर्षण, दंडन, थपकी, कंपन और संधि प्रसारण के तरीके से मालिश कराएं। इससे मांस-पेशियां पुष्ट होती हैं। रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है। इससे तनाव, अवसाद भी दूर होता है। शरीर कांतिमय बनता है।
 
4. व्रत : जीवन में व्रत का होना जरूरी है। व्रत ही संयम, संकल्प और तप है। आहार-विहार, निंद्रा-जाग्रति और मौन तथा जरूरत से ज्यादा बोलने की स्थिति में संयम से ही स्वास्थ्य तथा मोक्ष घटित होता है। एक दिन अपने पेट को जरूर आराम दें। सप्ताह में या माह में 2 दिन निराहार रहें। एकदम कठिन व्रत करें। यह आपके लिए बेहतर सिद्ध होगा।
 
5. योग हस्त मुद्राएं : योग की हस्त मुद्राओं को करने से जहां निरोगी काया पायी जा सकती हैं वहीं यह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखती है। हस्तमुद्राओं को अच्‍छे से जानकर नियमित करें तो लाभ मिलेगा। घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएं हैं।
 
6. ध्यान : ध्यान के बारे में भी आजकल सभी जानने लगे हैं। ध्यान हमारी ऊर्जा को फिर से संचित करने का कार्य करता है, इसलिए सिर्फ पांच मिनट का ध्यान आप कहीं भी कर सकते हैं। खासकर सोते और उठते समय इसे बिस्तर पर ही किसी भी सुखासन में किया जा सकता है।
 
उपरोक्त 6 उपाय आपके जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं, बशर्ते आप इनका पालन ईमानदारी से करें।
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