* कुछ लोग चेहरे के भावों को पढ़कर दूसरों के मन की बात जान लेते हैं अर्थात वे मनोभाव को जानने में माहिर होते हैं, लेकिन आपके मन में क्या चल रहा है इसे शब्दश: जानकर बता देना उनके बस की बात नहीं होती। हम आपको ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे कि आप दूसरे के मन की बात शब्दश: सुन सकेंगे।
* योग के विभूतिपाद में मन:शक्ति योगा के बारे में बताया गया है। इसके अभ्यास से यह संभव हो सकता है। इस योग की साधना करने से व्यक्ति दूसरों के मन की बात शब्दश: जान सकता है और यह बहुत ही सरल साधना है।
* योगानुसार ज्ञान की स्थिति में संयम होने पर दूसरे के चित्त का ज्ञान होता है। हम हमेशा अपने मन में ही रमे रहते हैं इसीलिए तो हम दूसरों के मन की कभी सुन नहीं पाते हैं। इस मन या चित्त को चुप कर देंगे तो दूसरे के मन की आवाज सुनाई देने लगेगी।
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* सीधा-सरल-सा सूत्र है कि जब तक आप बोलते हैं, सामने वाला सुनता है। आप बोलना बंद करते हैं तभी सामने वाला जो बोल रहा है उसे आप सुन और समझ पाते हैं। ठीक इसी तरह यदि आपका मन चुप है तभी आपको दूसरे के मन की आवाज सुनाई देने लगेगी।
* अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे होगा हमारा मन चुप? तो यह ध्यान और अभ्यास से संभव होगा। दो विचारों या खयाल के बीच जो अंतराल है उस पर ध्यान देंगे तो आपका मन चुप होने लगेगा और चित्त का शांत हो जाएगा।
कहते हैं कि इस मन:शक्ति योग के बल पर योगी चींटियों के पैरों में बंधे घुंघरू की आवाज भी सुन सकता है तो आपके मन में तो दुनियाभर का शोर मचा हुआ है।