यदि आप खिलाड़ी हैं या एथलीट हैं तो आपके लिए योग से बेहतर विकल्प नहीं। यह आपके शरीर को आपके मस्तिष्क के साथ बेहतर तालमेल बिठाने के लिए फुर्तीला और लचीला बनाने में कारगर सिद्ध हो सकता है। यह आपके भीतर अवरुद्ध हो गई ऊर्जा को स्वतंत्र कर उसे एक नई दिशा देता है। आप जितने जागरूक और सक्रिय रहेंगे उतने ही अपने खेल में माहिर होते जाएँगे। योग हर तरह के खेल में मदद कर सकता है।
निशानेबाजी और शतरंज : दोनों ही खेल में एकाग्रता, धैर्य और भविष्य की सोच का होना आवश्यक है। योग से यह सब कुछ पाया जा सकता है। एकाग्रता के लिए ध्यान या त्राटक साधना कर सकते हैं। इसी से धैर्य और दूरदृष्टि का जन्म होगा जो आपको शतरंज या निशानेबाजी का माहिर खिलाड़ी बना देगा।
क्रिकेट : क्रिकेट में एकाग्रता के अलावा फुर्ती और लचीलेपन का महत्व है। फुर्ती और लचीलेपन के लिए आप चाहें तो सिर्फ ध्यान और सूर्य नमस्कार से भी यह सब कुछ हासिल कर सकते हैं। फिर भी यदि आप भुजंगासन, हलासन, चक्रासन, पादहस्तासन और अंग-संचालन का अभ्यास करते रहें तो बेहतर होगा।
फुटबॉल और टेनिस : अक्सर यह सुनने में आया है कि फुटबॉल और टेनिस खिलाड़ियों के पैरों या पिंडलियों में ऐंठन की शिकायत रहती है। उन्हें भी योग हर तरह से सहयोग कर सकता है। उन्हें वज्रासन, अंग-संचालन और प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए। इसके अलावा पैरों की मालिश और आयुर्वेदिक स्नान का मजा लें।
योग पैकेज : प्राणायाम में अनुलोम-विलोम। आसनों में अंग-संचालन, सूर्यनमस्कार, त्रिकोणासन, चक्रासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, पादहस्तासन, भुजंगासन, हलासन, ब्रह्ममुद्रा, वज्रासन और उष्ट्रासन।