शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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व्हाटस एप कॉर्नर : दाल पर डायलॉग ...

व्हाटस एप कॉर्नर : दाल पर डायलॉग ... - whats app corner, dialogue , daal, sarkar
दाल पर डायलॉग ... 
 
कुछ मशहूर फिल्मों के डायलॉग 
 
एक किलो दाल की क़ीमत तुम क्या जानो मोदी
बाबू,...
 
मेरे करन अर्जुन आयेंगे , एक किलो अरहर दाल लायेंगे ... 
 
मेरे पास गाड़ी है बंगला है, बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास
क्या है ? "मेरे पास दाल है".... 
 
ये दाल हमको दे दे ठाकुर... 
 
जॉनी, जिनके घर डिनर मे दाल होती है, वो दरवाज़ा
बन्द कर के खाते हैं  ... 
 
जा सिमरन जा, खा ले अपने हिस्से की दाल... 
 
दाल को खाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है ... 
 
ना तलवार की धार से , ना गोलियो की बौछार से
, बन्दा डरता है तो सिर्फ़ दाल के दाम से... 
अगले पेज पर अरे ओ साम्भा! कितने ... 
 

 
प्यार से दाल खिला रहे है खा लो , वरना थप्पड़ मार
के भी खिला सकते है ... 
 
अरे ओ साम्भा ! कितने किलो दाल इनाम रखी है सरकार 
हम पर .. 
साम्भा : पूरे 50 किलो दाल सरदार ... 
 
सरदार मैंने आपकी दाल खाई है .... 
 
पीटर, तुम लोग मुझे वहां ढूंढ रहे हो और मै यहां दाल
खा रहा हूं ... 
 
कुत्ते!! मैं तेरी पूरी दाल पी जाउंगा ... 
 
ये मज़दूर की दाल है कात्या... 
 
दालवाले दुल्हनिया ले जायेंगे .....
 
थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, दाल के भाव से डर लगता है ... 
 
अगले पेज पर रेलगाड़ी खेत में.. 

रेलगाड़ी चालक की होशियारी ... 
 
रेलगाड़ी चालक की होशियारी ... 
 
एक बार एक रेलगाड़ी चलते चलते अचानक पटरी से उतरकर 
आस-पास के खेतों में घुस गई और फिर से वापस पटरी पर आ गई।
 
सारे यात्री डर के मारे सहम गए।
 
जब गाड़ी अगले स्टेशन पर रुकी तो लोगों ने रेलगाड़ी के 
चालक को पकड़ लिया और उसे जांच अधिकारी के पास ले गए।
 
जांच अधिकारी ने ने चालक से इसका कारण पूछा तो चालक ने बताया 
कि एक आदमी पटरी पर खड़ा था और मेरे कई बार हार्न बजाने के बावजूद 
वह पटरी से नहीं हट रहा था।
 
जांच अधिकारी ने कहा, "तुम पागल हो क्या ? एक आदमी की जान 
बचाने के लिए तुमने इतने लोगों की जान खतरे में डाल दी। तुम्हें तो 
उस आदमी को कुचल देना चाहिए था।"
 
चालक: वही तो मैं करने जा रहा था लेकिन जैसे ही गाड़ी उसके एक 
दम नजदीक पहुंची वह कम्बख्त खेतों में इधर उधर भागने लगा तो मैं बस 
गाड़ी उसके पीछे लेकर चला गया।
अगले पेज पर शायर डॉक्टर ... 
शायर डॉक्टर ... 
 
एक डॉक्टर एक दिन शायरी के मूड में था ......
अब देखो उसने दवाई कैसे समझाई
 
दिल बहला के मोहब्बत को ना धमाल करें, 
सीरप को अच्छी तरह से हिला के इस्तेमाल करें ... 
 
दिल मेरा टूट गया उठी जब उसकी डोली, 
सुबह दोपहर शाम बस एक एक गोली... 
 
लौट आओ कि मोहब्बत का सुरूर चखें, 
तमाम दवायें बच्चों की पहुँच से दूर रखें... 
 
दिल मेरा इश्क़ करने पे रज़ामंद रहेगा, 
इतवार के दिन अस्पताल बन्द रहेगा...