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Last Updated : सोमवार, 12 अप्रैल 2021 (07:30 IST)

कूचबिहार हिंसा पर संग्राम, ममता बनर्जी ने बताया नरसंहार, शाह बोले- ‘शवों पर न हो राजनीति’

कूचबिहार हिंसा पर संग्राम, ममता बनर्जी ने बताया नरसंहार, शाह बोले- ‘शवों पर न हो राजनीति’ - mamata banerjee calls the cooch behar violence a massacre amit shah said the result of didis speech
कोलकाता/सिलीगुड़ी। कूच बिहार जिले के सीतलकूची में सीआईएसएफ की कथित गोलीबारी में 4 लोगों की मौत ने पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  इसे 'नरसंहार' करार दिया तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें शवों पर 'तुष्टिकरण की राजनीति' करने को लेकर चेतावनी दी।
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने कूच बिहार में नेताओं के प्रवेश पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई 72 घंटों की पाबंदी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा 'तथ्यों को दबाने के लिए' किया गया है।
 
बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीतलकूची में नरसंहार हुआ। मैं 14 अप्रैल तक सीतलकूची जाना चाहूंगी। आयोग कूच बिहार में प्रवेश को प्रतिबंधित करके तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रहा है। हमारे पास एक अक्षम (केंद्रीय) गृह मंत्री और अक्षम केंद्र सरकार है।
 
उन्होंने सीतलकूची में मारे गए एक व्यक्ति के भाई से संवाददाता सम्मेलन के बीच में वीडियो कॉल पर बात भी की और शोक संतप्त परिवार को सभी प्रकार की मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
वीडियो कॉल के दौरान व्यक्ति यह कहता सुनाई दिया कि जवानों ने मतदाताओं पर गोलियां चलाई थीं।
 
पुलिस ने कहा था कि कूच बिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। ऐसा कहा जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की ‘राइफलों को छीनने की कोशिश कीं’। जिस जगह यह घटना हुई थी वहां तृणमूल कांग्रेस के झंडों में लिपटे शवों पर पुष्पचक्र चढ़ाए जाने के बाद शवों को दफना दिया गया। 
 
दूसरी तरफ शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी द्वारा लोगों को केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिये कहे जाने के बाद भड़के लोगों ने सीआईएसएफ कर्मियों पर हमला किया जिसकी वजह से लोगों की जान गई।
 
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर मौत के मामले में भी तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। शाह ने नदिया जिले के शांतिपुर में रोडशो के बाद संवाददाताओं से कहा कि ममता बनर्जी ने लोगों को केंद्रीय बलों का घेराव करने की सलाह दी थी। क्या यह सीतलकूची में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं था? उनकी सलाह ने लोगों को सीआईएसएफ पर हमले के लिए उकसाया।
 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, यदि देश एवं पश्चिम बंगाल के लोग उनसे ऐसा करने को कहें। भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने हालांकि कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2 मई को पद छोड़ना होगा क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मौजूदा विधानसभा चुनाव हार जाएगी।
 
तृणमूल प्रमुख बनर्जी ने शनिवार को कूचबिहार जिले के सीतलकूची में चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ कर्मियों की गोलीबारी में चार व्यक्तियों के मारे जाने को लेकर शाह से इस्तीफे की मांग की थी। शाह ने उत्तर 24 परगना जिले के बसीरहाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दीदी मेरा इस्तीफा मांग रही हैं। यदि लोग यह मांग करें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन आप दो मई का निश्चित ही अपना त्यागपत्र देने के लिए तैयार रहिए।
 
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सीतलकूची में ‘जो लड़के मारे गये’ उन तरह के और बदमाश लड़कों ने यदि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने का प्रयास किया तो गगले चरण में कूचबिहार जेसी और घटना हो सकती है। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हेा गया।
 
तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कोलकाता कहा कि दक्षिण और उत्तर बंगाल में 11,700 प्रदर्शन किये गये जहां टीएमसी कार्यकर्ताओं ने काले बिल्ले पहने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। राज्यसभा सदस्य रॉय ने कोलकाता में संवाददाताओं को बताया कि शाह जानबूझ कर तथ्यों को 'दबा' रहे हैं और चुनावी फायदे के लिए घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं।
 
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के नेता और मंत्री शशि पांजा ने एस्प्लेनेड क्षेत्र में रैलियों का नेतृत्व किया। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि इसी तरह के प्रदर्शन बांकुरा के तलाडांगरा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिले में हुए।

राज्यपाल ने दी नसीहत : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि  सत्ता में बैठे लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी कर्तव्यों का निर्वाह करने में लगी संवैधानिक संस्थाओं और केंद्रीय बलों को सम्मान दिया जाए। राज्यपाल ने एक ट्वीट में कहा कि सत्ता में शामिल लोगों को राज-नीति दिखानी चाहिए और सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वाह में शामिल संवैधानिक संस्थाओं और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) का सम्मान करना चाहिए।
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