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Written By ND

पातालपानी में पाँच लोग बहे (वीडियो)

पातालपानी में पाँच लोग बहे (वीडियो) -
पर्यटक स्थल पातालपानी में पिकनिक मना रहे पाँच लोग नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से बहकर 200 फुट नीचे झरने में जा गिरे। एक युवक पानी के तेज बहाव के कारण किसी तरह पत्थरों में अटक गया, जबकि इंदौर की एक युवती सहित चार लोग झरने में गिरकर बह गए। बाद में इंदौर की युवती का शव वहाँ से तीन किलोमीटर दूर रेलवे के बोगदों के नीचे फँसा मिला। अन्य की तलाश और बचाव कार्य जोर-शोर से किया जा रहा था।

हरदा निवासी चंद्रशेखर राठी (51), उनकी पुत्री मृदिका (22), उसके चाचा का ल़ड़का कनिष्क पिता दिनेश (19) और छवि पिता पुरुषोत्तम धूत (22) निवासी ओल्ड अग्रवाल नगर इंदौर व एक अन्य झरने से कुछ ही दूर नदी के बीच पत्थरों पर ख़ड़े होकर फोटोग्राफी कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पानी का बहाव तेज हो गया। पाँचों कुछ समझ पाते तब तक पानी इतना ब़ढ़ चुका था कि वहाँ से निकलकर किनारे तक पहुँच पाना संभव नहीं रहा।

बचने के लिए पाँचों ने एक दूसरे को कस कर पक़ड़ लिया था। कुछ देर तक तो वे तेज बहाव में टिके रहने के प्रयास करते रहे, लेकिन तब तक बहाव और तेज हो गया और उनके पैर उख़ड़ गए। पाँचों तेजी से झरने की ओर बहने लगे। इनमें से कनिष्क तो तेज बहाव के कारण चट्टानों में अटक गया लेकिन शेष चार 200 फुट नीचे झरने में जा गिरे।

सूचना मिलते ही एसडीएम पीसी राठी और पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुँच गए। सिपाही राकेशसिंह, मलेंडी के ग्रामीण भेरूसिंह व हीरालाल चंदेल पहा़ड़ी से नीचे उतरे व पानी के बीच जाकर पत्थरों में फँसे कनिष्क को लेकर ऊपर आए।

दोपहर 1 हुए हादसे के 4 घंटे बाद पुलिस को ग्रामीणों ने सूचना दी कि 1 युवती का शव महू-खंडवा रेल मार्ग पर आने वाले बोगदा नंबर 3 के पास किनारे पर प़ड़ा है। यह झरने से 3 किमी दूर है और यहाँ पर नदी मु़ड़ती है। जिस जगह शव प़ड़ा मिला, वहाँ केवल रेलवे पटरी के सहारे ही पहुँचा जा सकता था। पुलिस के अनुसार बह गए चौथे व्यक्ति के नाम व पते की जानकारी नहीं मिली है।

...तो और भी लोग बह जाते : पातालपानी झरने में मलेंडी नदी का पानी जानापाव से बहकर आता है। आसपास के लोगों ने बताया कि 11.30 बजे के लगभग जानापाव व अन्य क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी, जबकि पातालपानी क्षेत्र में मामूली बारिश हुई थी। पातालपानी झरने में गिरने वाली नदी में पानी का हलका बहाव था। चोरिड़िया के जीवनसिंह आंजना ने बताया किनदी में 40-50 लोग परिवार सहित बैठे थे। अचानक पानी ब़ढ़ने लगा तो ग्रामीणों व क्षेत्र के चौकीदार ने जोर-जोर से आवाजें लगाई थीं। आवाज सुनकर लोग तुरंत बाहर निकल आए। यदि लोग समय रहते बाहर नहीं निकलते तो और भी लोग हादसे का शिकार हो सकते थे।

खुद लौटने वाले थे लेकिन: हरदा ब्यूरो के अनुसार चंद्रशेखर राठी का हरदा में कृषि मशीनरी का व्यापार है। श्री राठी की छवि मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्ति के रूप में रही है। उनकी बेटी मृदिका इंदौर में एमबीए कर रही थी। श्री राठी दो दिन पहले परिवार सहित इंदौर गए थे और शनिवार शाम को वापस लौटने वाले थे। रविवार को पातालपानी में बहने की खबर मिलते ही शहर में शोक छा गया। दोपहर ढाई बजे के बाद सभी लोग उनकी खोज खबर में लग गए। उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में परिचित और रिश्तेदार जमा हो गए। हरदा नगरपालिका अध्यक्ष हेमंत टाले ने बताया कि श्री राठी समाजसेवा के साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं। समाज के सूरजनारायण मोहता ने बताया कि श्री राठी स्वामी विवेकानंद केन्द्र, भारत स्वाभिमान मंच सहित अन्य संस्थाओं से भी जु़ड़े रहे हैं।

अब तक 63 गँवा चुके हैं जान: पुलिस के अनुसार पातालपानी सहित महू के चोरल डेम व आसपास अब तक 63 लोग जान गँवा चुके हैं। चेतावनी बोर्ड, जुर्माना भी लोगों को इस खतरनाक स्थल पर जाने से नहीं रोक पाता। पातालपानी में रविवार को हुए हादसे ने 4 वर्ष पूर्व चोरल में हुए हादसे की याद ताजा कर दी। 4 वर्ष पूर्व भी जुलाई माह में ही आईआईएम के छात्र-छात्रा चोरल नदी पर चट्टानों पर बैठे थे और जलस्तर बढ़ने से दोनों बह गए थे।