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गुरुवार, 29 सितम्बर 2011 (23:22 IST)
किसान 'मोटर पंप' जलने से परेशान
सामान्यतया किसानों की फसल आते ही विद्युत की खपत बढ़ जाती है। किसान सोयाबीन आदि की फसल विद्युत चलित थे्रशर इत्यादि मशीन से निकालते हैं। साथ ही अगली रबी फसल की तैयारी के लिए भी खेत में सिंचाई के लिए मोटर पंप का उपयोग भी बढ़ जाता है। ऐसे में पिपलिया एवं बखतगढ़ क्षेत्र के ट्रांसफार्मरों पर दिन-प्रतिदिन धड़ाधड़ नए अस्थायी कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इससे किसानों के मोटर पंप जल रहे हैं। ग्राम पिपलिया के किसानों ने ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की माँग की है।
उधर मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते कई अवैध कनेक्शन के रूप में जहाँ-तहाँ हेंकड़ियाँ टँगी देखी जा सकती हैं। इसके चलते भी विद्युत का दबाव बढ़ता जा रहा है। जिन किसानों के पास स्थायी कनेक्शन हैं उनकी तो मानो शामत ही आ गई है। ग्राम रतनपुरा एवं इससे जुड़े क्षेत्र पश्चिम क्षेत्र ग्राम पिपलिया के कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मर पर ही निर्भर हैं। इस पर अधिक दबाव बढ़ जाने से मोटर पंप जल जाते हैं। बेवजह किसानों को आर्थिक नुकसान उठाने के साथ ही खेत तैयार करने विलंब हो रहा है। इससे अगली फसल की बोवनी में भी देरी होगी। इसका सीधा उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और किसान कर्ज में डूब जाएगा।
विद्युत मंडल से की माँग
भारतीय किसान संघ बदनावर के ब्लॉक उपाध्यक्ष रामचंद्र जाट इमली वाला (रतनपुरा), बाबूलाल राबड़, आनंदीलाल पाटीदार, राकेश राबड़ एवं बखतगढ़ के हेमेंद्र मोदी, पारसमल वरमेचा आदि किसानों ने मप्र विद्युत मंडल बदनावर को लिखित पत्र के माध्यम से ग्राम पिपलिया बखतगढ़ क्षेत्र में विद्युत की खपत के आधार पर अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर शीघ्र लगाने की माँग की है।
चोरी करने वालों पर कार्रवाई करेंगे
अस्थायी कनेक्शन हेतु हमारे पास अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। इस वर्ष भी 1 अक्टूबर से किराए पर ट्रांसफार्मर दिए जाएँगे ताकि पहले से स्थापित ट्रांसफार्मरों पर क्षमता से अधिक दबाव नहीं पड़े और सभी को समान विद्युत प्रदाय हो सके। अवैध कनेक्शन की धरपकड़ के लिए मंडल का दल समय समय पर भ्रमण करता है। फिर से अभियान चलाकर अवैध कनेक्शन पाए जाने पर पंचनामा बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -एके त्यागी, सहायक यंत्री, विद्युत मंडल, बदनावर