घर की खिड़की होगी गलत दिशा में तो होगा सबकुछ गलत, जानिए 12 वास्तु टिप्स
घर की खिड़की किस दिशा में और कैसी होना चाहिए इसका वास्तुशास्त्र में उल्लेख मिलता है। खिड़की के सही दिशा में होने से भाग्य खुल जाता है और गलत दिशा में होने से भाग्य बंद भी हो सकता है। जिस खिड़की से हवा आती है उस खिड़की से मुसीबतें भी आ सकती है। जिस खिड़की से प्रकाश आता है उसी खिड़की से अंधेरा भी आता है। अत: खिड़की का वास्तुशास्त्र के अनुसार होना चाहिए। आओ जानते है वास्तु के 10 टिप्स।
1. पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है।
2. उत्तर दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं।
3. दक्षिण दिशा में खिड़की होने से रोग और शोक की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि यह यम की दिशा होती है।
4. घर की दक्षिण दिशा की खिड़की शुभ नहीं होती, यदि है तो उस पर मोटा पर्दा लगा दें। नैऋत्य कोण में भी खिड़की नहीं होना चाहिए।
5. खिड़कियां कभी भी घर के सन्धि भाग में न बनवाएं।
6. मकान में खिड़कियां द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे।
7. वास्तु के अनुसार मकान में खिड़कियों की संख्या बराबर होनी चाहिए। अर्थात सम संख्या में होना चाहिए।
8. खिड़की को भी अच्छे से सजाकर और पर्दे से ढंकी हुई रखें। खिड़की के आसपास बेलबुटे वाले चित्र होना चाहिए या रांगोली या मंडने वाली चित्रकारी होना चाहिए।
9. घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए।
10. उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की, बालकनी और दरवाजे होना चाहिए। उत्तर दिशा का द्वार समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता लेकर आता है।
11. खिड़किया दो पल्ले वाली होना चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए। पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर नहीं।
12. खिड़कियां टूटी हुई, गंदी या आड़ी-तिरझी बनी हुई नहीं होना चाहिए।