कांग्रेस नेताओं के कारण टिकट कटने से भाजपा नेता नाराज
देहरादून। उत्तराखंड में 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा कांग्रेस छोड़कर आए लगभग सभी नेताओं को टिकट दिए जाने से पार्टी के अंदर उन नेताओं में असंतोष पनपने लगा है जिनकी चुनाव लड़ने की संभावनाएं इन बाहर से आयतित नेताओं की वजह से समाप्त हो गईं।
भाजपा की सोमवार शाम जारी हुई 64 प्रत्याशियों की सूची में से कम से कम 20 सीटें ऐसी हैं, जहां टिकट के प्रबल दावेदारों को निराशा हाथ लगी है और उनमें से कुछ के पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ बतौर निर्दलीय प्रत्याशी खड़े होने या चुनावों में उसके खिलाफ काम करने की आशंकाओं को भी खारिज नहीं किया जा रहा है।
ज्यादातर निराश नेताओं ने हालांकि, अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन वे अपनी निराशा को छुपा भी नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में आए विधायक सुबोध उनियाल को नरेंद्र नगर से टिकट दिए जाने से वहां के स्थानीय भाजपा नेता और पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत काफी क्षुब्ध हैं और उन्होंने सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का इरादा जाहिर कर दिया है।
इसी तरह, केदारनाथ से पार्टी की पूर्व विधायक आशा नौटियाल भी अपनी जगह कांग्रेस से आई विधायक शैलारानी रावत को भाजपा का टिकट मिलने से नाखुश हैं। इसी प्रकार, कोटद्वार से पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत खुद पर हरक सिंह रावत को तरजीह दिए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं।
रूड़की से पूर्व भाजपा विधायक रहे सुरेशचंद जैन भी अपनी जगह कांग्रेस से आए प्रदीप बत्रा को टिकट मिलने से व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और शहर के विकास के लिए वे निश्चित रूप से संघर्ष करेंगे।
पहली सूची में चार वर्तमान विधायकों के भी टिकट काटे गए हैं, जिससे उनमें भी नाराजगी पनप रही है। चौबट्टाखाल से विधायक तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत की जगह 2014 में कांग्रेस से भाजपा में आए सतपाल महाराज को टिकट दिया गया है जबकि यमकेश्वर से विधायक विजय बड़थ्वाल की जगह पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी की पुत्री रितु खंडूरी भूषण को उम्मीदवार बनाया गया है।
रूड़की से टिकट न मिलने के बाद पूर्व भाजपा विधायक सुरेशचंद्र जैन ने पार्टी आलाकमान के इस फैसले को बहुत अप्रत्याशित बताया। उन्होंने कहा कि वे अपने किसी लालच के कारण राजनीति में नहीं आए और उन्होंने जनता की सेवा करने के लिए इस क्षेत्र को चुना था। जैन ने कहा कि वेफिलहाल अपने समर्थकों से मशविरा कर रहे हैं और रूड़की के विकास के लिए चुनाव अवश्य लड़ेंगे।
इसी तरह, टिहरी के नरेंद्र नगर से टिकट से वंचित कर दिए पूर्व भाजपा विधायक ओमगोपाल रावत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के सामने इस विधानसभा सीट को लेकर सही स्थिति नहीं रखी गई और उन्हें गुमराह किया गया। (भाषा)