सोमवार, 8 दिसंबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. Yogi Adityanath governments policies are giving impetus to small industries
Last Updated :लखनऊ , सोमवार, 8 दिसंबर 2025 (19:49 IST)

योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों से छोटे उद्योगों को मिल रही रफ्तार

Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ सरकार की सरल नीतियों और मजबूत कानून व्यवस्था ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में छोटे उद्योगों को नई गति मिल रही है। वर्तमान में राज्य में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं, जो लाखों लोगों को रोजगार देने का काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश ने पिछले आठ वर्षों में जिस रफ्तार से औद्योगिक माहौल को बदला है वह उत्तर भारत के आर्थिक नक्शे पर एक नई कहानी गढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि उत्तर प्रदेश का लक्ष्य वर्ष 2029-30 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने का लगातार ठोस प्रयास कर रही है। 
 
योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वर्ष 2017 में सरकार के गठन के समय औद्योगिक प्रक्रियाओं का भारी उलझाव और निवेशकों का कम विश्वास था, लेकिन सरकार ने समयबद्ध मंजूरी व्यवस्था, सिंगल विंडो (एकल खिड़की) प्रणाली और जिलों में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करके इस स्थिति को तेजी से बदला। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश छोटे उद्योगों का एक बड़ा केंद्र बन गया है। जो प्रदेश के युवाओं के लिए तेजी से रोजगार सृजन का कार्य कर रहे हैं।
 
ठोस नीतियों से छोटे उद्योगों को रफ्तार
आठ वर्षों में योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत आधार दिया है। 2017 से अब तक के प्रयासों से इन इकाइयों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उत्तर प्रदेश माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज प्रमोशन पॉलिसी 2022 ने पिछड़े क्षेत्रों में 10 से 25 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी दी है। यह पॉलिसी एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिए अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है। निवेश मित्र पोर्टल और एकल खिड़की प्रणाली ने अनुमोदन प्रक्रिया का काफी हद तक सरलीकरण कर दिया है। 
 
डिजिटल प्लेटफॉर्म से तेज निवेश प्रक्रिया
निवेश मित्र और एमएसएमई वन कनेक्ट पोर्टल ने उद्योग स्थापना को आसान किया है। वर्तमान में 19 लाख से अधिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। इन प्लेटफॉर्म से जीईडी प्रमाणन और पीएमईजीपी आवेदन आसान हो गए हैं। ऋण प्रवाह में भी उछाल आया है। वित्तीय वर्ष 2025 में एमएसएमई को लगभग 2.48 लाख करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किया जा चुके हैं। 
 
महिला उद्यमियों और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं
महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता मिल रही है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत युवाओं को लगभग 1200 करोड़ रुपये की ऋण सब्सिडी दी जा चुकी हैं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और ओडीओपी ने पारंपरिक कारीगरों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने एमएसएमई से 25 प्रतिशत खरीद अनिवार्य की है, जिसमें महिलाओं के लिए 03 प्रतिशत और एससी-एसटी इकाइयों के लिए 04 प्रतिशत तक का कोटा निर्धारित किया हुआ है। 
 
कृषि-तकनीकी उद्योगों को नई दिशा
कृषि और तकनीकी आधारित छोटे उद्योगों का प्रदेश में विस्तार हो रहा है। लखनऊ-कानपुर में इनोवेशन हब्स, ड्रोन निगरानी और एआई-आधारित खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। विकसित यूपी 2047 विजन में 33 क्षेत्रीय नीतियां एमएसएमई को लक्षित करती हैं। ये प्रयास प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं और ग्रामीण स्तर पर रोजगार के नए-नए अवसरों का सृजन कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश विकसित भारत का मजबूत स्तंभ बन रहा है। छोटे उद्योग अब राज्य की प्रगति का इंजन हैं। Edited by : Sudhir Sharma