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Last Modified: गुरुवार, 13 नवंबर 2025 (20:32 IST)

CM योगी के सख्त निर्देशों का असर, यूपी में पराली जलाने की घटनाओं में कमी

20 प्रमुख जनपदों में पराली जलाने की घटनाओं में स्पष्ट कमी दर्ज की गई, एटा, कौशांबी, सीतापुर और उन्नाव जैसे जनपदों में सबसे कम पराली जलाने की घटनाएं

Uttar Pradesh government
Chief Minister Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों और सतत मॉनिटरिंग के परिणामस्वरूप यूपी में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। राज्य सरकार के सक्रिय प्रयासों से अब किसान फसल अवशेष प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
 
कम हुई पराली जलाने की घटनाएं : मथुरा, पीलीभीत, सहारनपुर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, कौशांबी, एटा, हरदोई, जालौन, फतेहपुर, महराजगंज, कानपुर देहात, झांसी, मैनपुरी, बहराइच, इटावा, गोरखपुर, अलीगढ़, उन्नाव और सीतापुर जैसे कुल 20 जनपदों में पराली जलाने की घटनाओं में स्पष्ट कमी दर्ज की गई है। इसमें भी एटा, कौशांबी, सीतापुर और उन्नाव जैसे जनपदों में सबसे कम पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। यह स्थिति बताती है कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों का जमीनी असर दिखाई देने लगा है।
 
सेटेलाइट से की जा रही निगरानी : सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को निर्देशित किया था कि पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट से निगरानी की जाए। साथ ही किसानों को वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक किया जाए। प्रशासन द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों, कंपोस्टिंग तकनीक और बायो-डीकंपोजर के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
 
जुर्माने और जिम्मेदारी की सख्त व्यवस्था : राज्य सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति शुल्क तय किया है। इसके अनुसार, दो एकड़ से कम क्षेत्र पर ₹2,500, दो से पांच एकड़ तक ₹5,000, पांच एकड़ से अधिक पर ₹15,000 क्षतिपूर्ति शुल्क लगेगा। साथ ही प्रत्येक 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जा रही है, जो अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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